सिहोरा। शाम पांच बजे के करीब एक व्यक्ति अपने रिश्तेदार के साथ गांव के ही डॉक्टर के पास दाएं हाथ में दर्द का इलाज करवाने पहुंचा। जिसे डॉक्टर ने देखकर अपने कंपाउंडर से मेडिकल स्टोर्स से इन्जेक्शन लाकर हाथ मे लगाने के लिए कहा और इन्जेक्शन लगते ही मरीज पसीना छोड़ने लगा देखते ही देखते मरीज के हाथ पैर अकड़ने लगे। परिजन कुछ समझ पाते तब तक डॉक्टर मरीज को छोड़कर भागने लगा। तभी पास में मौजूद लोगों डॉक्टर को पकड़कर पीट दिया। इधर मरीज की मौत हो गई। देर तक हंगामा होता रहा लेकिन पुलिस नदारद रही जबकि घटनास्थल से थाने की दूरी महज आधा किमी है।
गोसलपुर थाना के बस स्टैंड में स्थित डॉक्टर आशीष अग्रवाल के निजी चिकित्सा केंद्र में विजय पिता मोतीलाल पटैल (40वर्ष) निवासी टिकरिया पुरानी अपने रिश्तेदार वीरू पटेल निवासी कछपुरा के साथ इलाज कराने के लिए शाम करीब पांच बजे आया था। जिसके दाएं हाथ मे दर्द रहता था। डॉक्टर आशीष ने मरीज की जांच कर अपने कंपाउंडर चन्द्रसेन कोरी से मेडिकल स्टोर्स से इंजेक्शन खरीदकर हाथ मे लगाने बोला। इंजेक्शन हाथ मे लगाते ही मरीज के पसीना आने लगा एवम शरीर अकड़ने लगा। देखते ही देखते मरीज की तत्काल मौत हो गयी। परिजन कुछ भी समझ पाते तब तक आरोपी डॉक्टर क्लिनिक छोड़कर भागने लगा। जिसे भागता देख परिजन रुकने बोले और जब डॉक्टर नही रुका तो पास में मौजूद लोगों ने डॉक्टर को पकड़कर पीट दिया।
यह हंगामा देर तक चलता रहा लेकिन घटना स्थल पर पुलिस नही पहुंची। जिससे गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने हंगामा शुरू कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जिससे कुछ देर के लिए हाइवे क्रमांक सात में जाम भी लग गया। सूचना मिलते ही आनन फानन में सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराया। वहीं अधिकारियों की मौजूदगी में ही मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की सही वजह पता चल पाएगी जिसके बाद कार्यवाही की जाएगी। जबकि नगर के लोगों एवम परिजनों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग करते हुए हंगामा करते रहे।
भर्ती करके होता था इलाज
डॉक्टर आशीष अग्रवाल के क्लिनिक में मरीज को भर्ती करने जैसी कोई व्यवस्था नही है फिर भी डॉक्टर द्वारा मरीज को भर्ती करके इलाज किया जाता था। साथ ही डॉक्टर का कंपाउंडर भी अप्रशिक्षित है। जिसके हाथ से मरीजों की जान के खिलवाड़ करने का खेल चल रहा था। वही नगर के लोगों में डॉक्टर की डिग्री के बारे में सन्देह है। जो खुद अपने क्लिनिक को बोर्ड में एमडी लिखा हुआ है।
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