नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया था कि डॉ. सिंह पूर्व सेना प्रमुख दीपक कूपर और पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर पाकिस्तान के साथ मिलकर गुजरात चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं। चूंकि नरेंद्र मोदी ने यह बयान भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर दिया था अत: इसकी अपनी गंभीरता है। पवन खेड़ा ने पीएमओ में आरटीआई लगाकर जानना चाहा कि पीएम मोदी ने यह बयान किस सूचना के आधार पर दिया तो पता चला कि उन्हे इस तरह की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई थी। अब कांग्रेस ने मांग की है कि पीएम नरेंद्र मोदी, डॉ.मनमोहन सिंह ने मांफी मांगे। क्योंकि इस तरह के बयान से डॉ.मनमोहन सिंह की देशभक्ति पर सवाल उठाया गया और उन्हे देशद्रोही करार देने की कोशिश की गई।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वह निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लिए हुए हैं, फिर भी वह अनाधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर बयान देकर अपनी पार्टी को लाभ दिलाने के लिए अपने पद की गरिमा गिरा लेते हैं। प्रधानमंत्री से माफी मांगने का आग्रह करते हुए खेड़ा ने कहा, "आपने मिसाल कायम की है। संवैधानिक पद के संबंध में आधिकारिक क्या है? आपने संविधान की शपथ ली है। आप अनाधिकारिक स्रोतों से सूचना ग्रहण करते हैं और विपक्ष के नेताओं पर सवाल उठाते हैं।"
खेड़ा ने आरटीआई याचिका का जिक्र करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री द्वारा राजनीतिक अभियान के दौरान भाषण देने के संबंध में जानकारी मांगी गई। जानकारी राजनीतिक मसलों या सरकार से संबंधित नहीं थी। इसलिए प्रधानमंत्री के संबंध में वह विभिन्न अनाधिकारिक या आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करने के लिए अधिकृत हैं।" कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी से उनके द्वारा मनमोहन सिंह, पूर्व सेना प्रमुख दीपक कूपर और पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर के खिलाफ पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलकर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के आरोप लगाने का सबूत मांगा।
उन्होंने कहा, "हम पिछले चार साल से देख रहे हैं कि मोदी हर स्तर के चुनाव में अपना धैर्य खो रहे हैं और अजीब तरह की बात करने लगते हैं। इस तरह का ओछा बयान देश ने कभी किसी प्रधानमंत्री के मुंह से नहीं सुनी।" खेड़ा ने कहा, "वह विश्व के सामने भारत की किस तरह की छवि बना रहे हैं? किसी देश के प्रधानमंत्री के एक-एक शब्द का दुनियाभर में विश्लेषण होता है। उनको देश से माफी मांगनी चाहिए। उनका बयान निम्न स्तर का जुमला था. अगर वह माफी नहीं मांगेंगे तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा होगा।
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