वो कहानियां तो आपने कई बार पढ़ीं होंगी जब एक उम्मीदवार ने काफी मुश्किलों में तैयारी की और मेरिट में टॉप तक पहुंच गया। आईएएस या आईपीएस बन गया लेकिन उसके बाद उसने अपने जैसे उम्मीदवारों के लिए क्या किया ? इसके किस्से सुनाई नहीं देते लेकिन जम्मू में एक आईपीएस है जो अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय निकलता है और उम्मीदवारों को पढ़ाता है। वो कोचिंग नहीं देते बल्कि यह सिखाते हैं कि बिना कोचिंग के आईपीएस कैसे बनें। भारतीय पुलिस सेवा के इस अधिकारी का नाम है संदीप चौधरी जो पुलिस अधीक्षक हैं।
पुलिस अधीक्षक संदीप चौधरी ने ‘ऑपरेशन ड्रीम्स’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य छात्रों को अपना लक्ष्य पाने में आ रही बाधाओं को पार करना है। वर्ष 2012 के जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ने अपने कार्यालय में दस उम्मीदवारों के साथ नि:शुल्क वर्कशॉप की शुरुआत की थी, जो राज्य पुलिस में उपनिरीक्षक बनना चाहते हैं। इसके लिए इस महीने के अंत में परीक्षा होनी है। बहरहाल कुछ दिनों के अंदर यह संख्या बढ़कर 150 हो गई, जिसमें सिविल सेवा, कर्मचारी चयन आयोग और बैंकिंग सेक्टर की तैयारी करने वाले छात्र शामिल हैं। इसके बाद चौधरी ने वैकल्पिक व्यवस्था की तरफ ध्यान दिया।
चौधरी ने अब कक्षाएं अपने कार्यालय के नजदीक एक निजी सामुदायिक केंद्र में लगानी शुरू कर दी हैं, जहां के मालिक ने उन्हें समर्थन की पेशकश की थी। चौधरी ने कहा, ‘मैंने अपने सहयोगियों के साथ उप निरीक्षक पद के लिए आगामी परीक्षा पर चर्चा की तभी मेरे दिमाग में नि:शुल्क कोचिंग शुरू करने का विचार आया। हर दिन छात्रों की संख्या बढ़ रही है और पहल की खास बात है कि कक्षाओं में 25 से ज्यादा लड़कियां आ रही हैं।
खुद कभी किसी कॉलेज या कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं गए
चौधरी खुद पंजाब से हैं। वह अपनी स्टोरी अपने स्टूडेंट्स से शेयर करते हैं। वह कहते हैं कि वह कभी भी उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज या कोचिंग संस्थान में नहीं गए। उन्होंने अपना बीए और एमए इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से पूरा किया। उन्होंने अपनी शिक्षा करसपोंडेंस से पूरी की।