सागर। लोकायुक्त पुलिस ने दावा किया है कि उसने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग के निरीक्षक गजेन्द्र चौधरी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। मामला नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा हुए पैसों का है। आयकर विभाग ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था। उसके पास आय के सभी सबूत हैं बावजूद इसके मामले को पेचीदा बताते हुए निपटारे के नाम पर 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी।
लोकायुक्त पुलिस सागर ब्रांच की ओर से बताया गया कि इस संदर्भ में शिकायत मिली थी। फरियादी रशीद अहमद की पत्नी अंजुम ने नोटबंदी के दौरान रुपए जमा कराए थे, इसी को लेकर आयकर विभाग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। ये मामला लंबित था और इसी के निपटारे के लिए निरीक्षक गजेंद्र चौधरी रुपयों की मांग कर रहा था। फरियादी के मुताबिक गजेंद्र चौधरी लंबित केस को सुलझाने के लिए आयकर अधिकारी सुधीर गुप्ता को रुपए देने की बात करते हुए रिश्वत के लिए लगातार दबाव बना रहा था।
इस पर फरियादी की ओर से सागर लोकायुक्त को शिकायत की गई। शिकायत की तस्दीक होने के बाद लोकायुक्त ने ट्रेप तैयार कर घूसखोर अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा। ट्रेप के मुताबिक जैसे ही गजेंद्र चौधरी ने फरियादी से 20 हजार रुपये लिए, वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे धर दबोचा। लोकायुक्त पुलिस ने गजेंद्र चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की।
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