भोपाल। कुछ समय पहले शिवपुरी की प्रभारी कलेक्टर नेहा मारव्या आईएएस ने आत्महत्या की अनुमति मांगने आए एक व्यक्ति का आवेदन एसपी को फॉर्वर्ड करते हुए टीप लिख दी थी कि आवेदक के खिलाफ आईपीसी/सीआरपीसी के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए। अब जबलपुर में महिला आईएएस एवं कलेक्टर छवि भारद्वाज ने मजदूरी मांगने आए 60 मजदूरों को जेल भेजने की धमकी दे डाली। इतना ही नहीं जब ग्रामीण मजदूरी के लिए बार बार गुहार लगाने लगे तो कलेक्टर ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने उन्हे डंडा दिखाकर प्यार भरे शब्दों में समझाया। मजबूरन सभी मजदूर वहां से चले गए।
बता दें कि लगभग 60 मजदूर पिछले तीन दिनों से अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट में डेरा जमाए हुए हैं। मजदूरों का कहना है कि, मार्च से जून माह में मझोली और इंद्राणा के जंगल में पेड़ लगाने के लिए गड्ढे खोदने के लिए लगभग 60 मजदूरों को लगाया गया था। हमने चार महीने में 80 हजार गड्ढे किए थे, लेकिन हमें मजदूरी नहीं दी गई, जिला कलेक्टर से जब हम रेंजर द्वारा वेतन न दिए जाने की शिकायत ले कर आये थे, तो कलेक्टर मेडम ने हमें यह कहकर भगा दिया कि, अगर तुम लोग यहां से नहीं जाते हो तो पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर छवि भारद्वाज का कहना है कि, मजदूरों के वेतन संबंध में डीएफओ से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि, मजदूरों का वेतन उनके बैंक में ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि, बैंक खाते में पैसे जाने में समय लगता है, कम से कम दो-तीन दिन में मजदूरों के खाते में पैसे पहुंच जाएंगे। वन विभाग में काम करने वाले मजदूरों के परिवार सहित जिला कलेक्टर कार्यालय में पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस विभाग के लोग मौके पर पहुंचे, जिला प्रशासन के अधिकारीयों की समझाइश के बाद ये लोग वापस अपने घर लौट गए हैं।
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