जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासियों के प्रतिनिधि नेता माने जाने वाले सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और आदिवासी समाज के बीच अब बड़ी दरार बन गई है। उनका अपना समाज उनके खिलाफ खड़ा हो गया है। आदिवासियों ने कुलस्ते का जबर्दस्त विरोध किया। यहां तक कि उन्हे आदिवासी समाज से बेदखल करने की चेतावनी तक दे डाली। बता दें कि गोंडवाना समाज के लोग एक सप्ताह से अनशन पर हैं। वो गलौआ ताल में रानी दुर्गावती की प्रतिमा स्थापित किए जाने की मांग कर रहे हैं।
गोंडवाना समाज के लोगों ने जिला प्रशासन से गलौआ ताल में रानी दुर्गावती की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की थी, लेकिन नगर निगम ने आदिवासी समाज की अनदेखी करते हुए में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा स्थापित कर दी। जिसके विरोध में गोंडवाना समाज के लोग एक सप्ताह से हड़ताल पर बैठे हैं। भाजपा ने सांसद कुलस्ते को अपने समाज के लोगों से बातचीत करने एवं अनशन समाप्त कराने का जिम्मा सौंपा लेकिन कुलस्ते ने जो कुछ किया उससे सब कुछ उल्टा ही हो गया। देश और मध्यप्रदेश की बड़ी खबरें MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
उन्होनें कहा कि तालाब में एक मूर्ति पहले से ही लग चुकी है। अब दूसरी मूर्ति कैसे लग सकती है। जब उनसे कहा गया की गलौआ ताल रानी दुर्गावती की विरासत है तो फग्गन सिंह कुलस्ते कहने लगे की कैसी विरासत और किसकी विरासत है। जिसके बाद वहां मौजूद लोग कुलस्ते के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। इस घटना के बाद गोंडवाना समाज के लोगों ने कुलस्ते को समाज से बाहर करने की चेतावनी दी है।
सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को आदिवासियों लौटाया उल्टे पैर, नहीं मानी बात...मुखर्जी नहीं रानी दुर्गावती प्रतिमा के लिये चल रहा आंदोलन... जबलपुर में हुई तीखी नोकझोंक..@Deepak_murape @anandrai177 @HIRA_ALAWA @ChouhanShivraj @RahulGandhi pic.twitter.com/sYELbJwSqL— Dr.ANAND RAI (@anandrai177) June 24, 2018