जबलपुर। बेनामी संपत्ति की तलाश के दौरान आयकर विभाग को एक चौंकाने वाला मामला हाथ लगा है। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले एक ड्राइवर के नाम 7.7 करोड़ की जमीन रजिस्टर्ड पाई गई है। जांच में पाया गया है कि इस जमीन की असली मालिक वो कंपनी है जिसमें ड्राइवर काम करता है। इस लिस्ट में आईएएस अफसरों, नेता और कारोबारियों के कई नाम दर्ज हैं। इन रसूखदारों ने दूसरों के नाम पर करोड़ों रुपए मूल्य की संपत्ति खरीदी है।
अपने कालेधन को किसी दूसरे फर्ज़ी व्यक्ति के नाम पर निवेश करने वालों में आईएएस अफसर, कारोबारी और टेक्नोक्रेट भी हैं। पूर्व आईएएस अफसर अरविंद जोशी, एमए खान एवं सेवकराम भारती और टेक्नोक्रेट पीके सरैया भी इस लिस्ट में हैं। कारोबारियों में संतोष रमतानी (सुरभि ग्रुप), पवन अहलूवालिया, एमवाय चौधरी, धीरू गौड़ (काल्पनिक नाम), भाटिया एनर्जी (छग), अजय सोनी और नितिन अग्रवाल (छग), मनीष हेमलता सरावगी और सुशील वासवानी जैसे नाम प्रमुख हैं।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पिछले सवा साल की छानबीन में इन बेनामी संपत्ति का पता चला। टैक्स चोरी और नंबर दो की संपत्ति निवेश के अलावा आदिवासियों की ज़मीन फर्ज़ी लोगों के नाम पर खरीदने की बात भी सामने आई है। ये सम्पत्तियां भोपाल, कटनी, सतना, ग्वालियर, जबलपुर, पन्ना और सीजी के रायगढ़ सहित दूसरे शहरों में मिली हैं। मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान, मुंबई और गुजरात का नंबर है।
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