कश्मीर के 6000 पत्थरबाजों के केस वापस क्यों लिए, गृहमंत्री ने बताया ये कारण

Bhopal Samachar
श्रीनगर। गृह मंत्री राजनाथ सिंह गुरूवार को 2 दिन के दौरे पर कश्मीर पहुंचे। यहां उन्होंने पत्थरबाजों पर लगे केस वापस लेने वाले सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बच्चों में काफी प्रतिभा है, बच्चे गलतियां कर सकते हैं, इसलिए मोदी सरकार ने गुमराह युवाओं पर लगे केस वापस लेने का फैसला लिया। बता दें कि सरकार ने पिछले साल पहली बार पत्थरबाजी में शामिल 6000 से ज्यादा युवाओं पर लगे केस वापस ले लिए थे।

सरकार को युवाओं की चिंता
शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर के युवा देश के भी बच्चे हैं। सरकार को इनकी चिंता है। उन्होंने कहा, "हर जगह के युवा एक जैसे हैं, हम जानते हैं कि उन्हें सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने के लिए गुमराह किया जा रहा है। मैं उनसे अपील करना चाहता हूं कि वे विकास का रास्ता अपनाएं। उन्हें विनाश के रास्ते पर नहीं जाना चाहिए।"

युवाओं के भविष्य के साथ न खेलें अलगाववादी
राजनाथ सिंह ने कहा, "अलगाववादी नेता किसी भी तरह राजनीति करें, लेकिन उन्हें युवाओं के भविष्य के साथ नहीं खेलना चाहिए। युवा देश की संपत्ति हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने पहली बार पत्थरबाजी में शामिल युवाओं के ऊपर से केस वापस लेने का फैसला किया है। बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, उन्हें हाथ में पत्थर न आने दें। यहां के युवाओं में प्रतिभा भरी पड़ी है।"

मुफ्ती ने कश्मीर में संघर्ष विराम जारी रखने की मांग की
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सिंह से 15 जून को खत्म हो रहे संघर्ष विराम को जारी रखने की मांग की है। उधर, एजेंसियां अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए इसके पक्ष में नहीं हैं। बता दें कि राज्य सरकार की सिफारिश पर रमजान महीने के दौरान केंद्र ने आतंकियों के खिलाफ सर्च अभियान बंद करने के निर्देश दिए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद से सुरक्षाबलों पर आतंकियों ने ग्रेनेड से हमले किए हैं।
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