भोपाल। एक बार फिर मप्र की विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा तक नहीं हो पाई। यह मप्र के इतिहास का सबसे छोटा सत्र होगा जो कार्य के घंटों के हिसाब से 1 कार्यदिवस के घंटे भी पूरे नहीं कर पाया। सरकार ने 2 दिन के लिए सत्र बुलाया था। पहले दिन हंगामे के बाद सदन एक दिन के स्थगित कर दिया। दूसरे दिन फिर हंगामे के बीच अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। आज से 43 साल पहले 26 जून 1975 को इंदिरा गांधी सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया था। आज मप्र की शिवराज सिह सरकार ने लोकतंत्र के साथ ठगी कर दी।
सत्र के दूसरे दिन इमरजेंसी को लेकर BJP और कांग्रेस के बीच जमकर हंगामा हुआ। सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओ में तीखी बहस भी हुई। इतना ही नहीं कांग्रेस विधायक आसंदी तक पहुंच गए। वहीं BJP ने इमरजेंसी को देश के इतिहास में सबसे काला दिन बताया। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बीच में 10 मिनट के लिए स्थगित भी की गई। दिन की शुरुआत से पहले कांग्रेस ने कहा था कि विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग करेगा। उनका आरोप है कि अविश्वास प्रस्ताव में कुछ नया नहीं होने की बात कहकर सत्ता पक्ष चर्चा से भागने की कोशिश में लगा है।
पहले दिन भी मचा था हंगामा
बता दें कि शिवराज सरकार का चुनाव से पहले शुरू हुआ अंतिम विधानसभा सत्र का पहला दिन हंगामें की भेंट चढ़ गया था। सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई। कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा के अंदर घुसे। इसी बीच कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में मंदसौर गोलीकांड के पर्चे लहराए. कांग्रेस नेताओं ने मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसी तरह की खबरें नियमित रूप से पढ़ने के लिए MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com