बालाघाट। उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर जबलपुर से मुख्यमंत्री के लाइव भाषण के बाद मंच से भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए वारासिवनी विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल ने अचानक चप्पल उतार ली और जनता को दिखाई। लोग समझ नहीं पाए कि वो चप्पल कांग्रेसियों को दिखा रहे हैं या जनता को और सबसे बड़ा सवाल यह कि वो अपनी चप्पल दिखा ही क्यों रहे हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष रमेश रंगलानी ने भी उनकी इस हरकत पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जो बात विधायक मंच से कहना चाहते थे, उसके लिए चप्पल दिखाने की जरूरत नहीं थी।
सीएम द्वारा कुछ दिनों पहले तेदूपत्ता संग्राहकों को बांटे गए जूता, चप्पल, साड़ी व बोतल को कांग्रेसी गुणवत्ताविहीन बता रहे हैं। इस पर विधायक ने मंच से ही अपनी चप्पल निकाली और जनता को दिखाते हुए कहा कि कांग्रेसियों से पूछिए कि क्या उन्होंने कभी तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूता, चप्पल, साड़ी बांटी। जब कांग्रेसियों ने मजदूरों को कभी सोल तक नहीं दिया तो उन्हें चप्पल-जूतों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगाने का भी अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय किसान सम्मेलन व उत्पादकता प्रोत्साहन राशि वितरण समारोह में जिले के 5 हजार 504 किसानों के खातों में 3. 68 करोड़ की राशि वन क्लिक बटन दबाकर डाली गई। यह राशि गेहूं उत्पादक किसानों को 265 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि के रूप में दी गई है।
इनका कहना है
विधायक योगेंद्र निर्मल ने कार्यक्रम में चप्पल दिखाकर कांग्रेस के आरोपों की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी सोल भी नहीं दिया है तो चप्पल की गुणवत्ता पर सवाल उठाने का अधिकार भी नहीं है। यहां विधायक का आशय गलत नहीं था लेकिन यह बात बिना चप्पल दिखाए भी कही जा सकती थी।
रमेश रंगलानी, जिलाध्यक्ष, भाजपा
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