
सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अनुसार पदोन्नतियां करने की बात कही है। प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण प्रकरण मान सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और यथास्थिति के अंतरिम आदेश हैं, ऐसी स्थिति में बगैर न्यायालय की इजाजत कोई भी कार्रवाई संभव नहीं है। अभी तक सामान्य, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग ने पूरी तरह से न्याय पर भरोसा रखते हुए पूर्ण अनुशासन में रहते हुए प्रदेश शासन की बहुसंख्यक वर्ग की दमनकारी नीतियों पर शांतिपूर्वक विरोध जताया है। यदि शासन द्वारा न्यायालय के निर्णय के विपरीत कोई भी प्रयास किया तो संगठन द्वारा प्रदेश भर में उग्र आंदोलन किया जावेगा।
अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एट्रोसिटी एक्ट में जांच के बाद ही गिरफ्तारी के निर्देशों के संबंध में भी अध्यादेश लाने की बात कही जा रही है। हीरालाल त्रिवेदी संस्था संरक्षक ने बताया कि ऐसे सभी कदमों के विरोध में सपाक्स समाज 17 जून को सुबह 6.00 बजे से प्रकाश तरुण पुष्कर से शिवाजी चौराहा तक समानता दौड़ आयोजित कर रही है। सभी समानता के पक्षधर नागरिकों से अनुरोध है इसका हिस्सा बन सरकार को संदेश जरूर देवें। इस प्रकार के विरोध कार्यक्रम पूरे देश की राजधानियों में आयोजित हैं।
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