भोपाल। मध्यप्रदेश का सबसे एतिहासिक राजनीतिक इस्तीफा देने वाले चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी लम्बे समय से कांग्रेस में पुरानी जगह की तलाश कर रहे थे। कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बन जाने के बाद चौधरी की घरवापसी की संभावनाएं भी बन गईं थीं। इसी बीच भाजपा के संगठन महामंत्री सुहास भगत ने चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को मिलने के लिए बुलाया। बाहर निकलकर चौधरी ने अपनी चाल चल दी। उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा है। सब जानते हैं कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के बीच दिया था इस्तीफा
चौधरी राकेश सिंह ना केवल कांग्रेस के विधायक थे बल्कि विधानसभा में विपक्ष के उपनेता भी थे। उन्होंने विधानसभा सदन के भीतर उस समय कांग्रेस से इस्तीफा दिया था जबकि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। उन्होंने ना केवल कांग्रेस के इस्तीफा दिया बल्कि भाजपा भी ज्वाइन कर ली थी। मप्र कांग्रेस को मिला यह अब तक का सबसे बड़ा झटका दर्ज किया गया। इसके चलते अविश्वास प्रस्ताव पर ठीक से बहस ही नहीं हो पाई।
धमाका करने के बाद भाजपा ने किनारे कर दिया था
भाजपा ने चौधरी राकेश सिंह को एक बम की तरह यूज किया। ब्लास्ट हो जाने के बाद चौधरी को भुला दिया गया। पार्टी ने उनके भाई मुकेश चतुर्वेदी को टिकट देकर उनसे पल्ला झाड़ लिया। यहां तक कि उन्हे प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों में सामान्य कार्यकर्ता की तरह भी आमंत्रित नहीं किया गया। राजनीति से बेदखल कर दिए जाने के बाद से ही चौधरी लगातार कांग्रेस के संपर्क में आ गए थे।
दरअसल, जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा के कहने पर चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी आज बीजेपी कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से मुलाक़ात की। हालांकि अंदर क्या चर्चा हुई इस बारे में कोई जानकारी नही लग पाई, लेकिन बाहर मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि उन्हें पद की लालसा नही, चुनाव लड़ना चाहता हूँ। चुनाव लड़ने के लिए बना हूँ, पार्टी टिकट देगी तो चुनाव जरुर लडूंगा।
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