भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों फर्जी वोटर्स का मामला तूल पकड़ चुका है। कांग्रेस ने दावा किया है कि मप्र में 60 लाख फर्जी वोटर दर्ज किए गए हैं। चुनाव आयोग की एक स्पेशल टीम आई और रेंडम जांच में पाया गया कि 60 नहीं सिर्फ 08 वोटर फर्जी थे। कांग्रेस के सांसद एवं सुप्रीम कोर्ट वकील विवेक तन्खा ने डोर-टू-डोर जांच कराने की मांग की। जब राज्य निर्वाचन आयोग ने डोर-टू-डोर जांच की तो 2000 वोटर फर्जी मिले। सवाल यह है कि यदि डोर-टू-डोर जांच की मांग ना होती तो यह फर्जीवाड़ा जारी था।
दरअसल, कांग्रेस ने चार विधानसभा क्षेत्रों नरेला, भोजपुर, होशंगाबाद और सिवनी मालवा में करीब एक लाख फर्जी मतदाता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने डोर-टू-डोर करवाई में दो हजार मतदाता फर्जी निकले हैं। बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को प्रदेश में 60 लाख फर्जी मतदाता होने की शिकायत की थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए आयोग ने चार विधानसभा क्षेत्र नरेला, भोजपुर, होशंगाबाद और सिवनी मालवा में जांच टीम भेजी थी।
हालांकि इसके बाद कांग्रेस ने टीम की रिपोर्ट पर असहमति जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की डोर-टू-डोर जांच कराने के लिए 13 जून को कहा था। इस पर आयोग ने राज्य चुनाव आयुक्त से 18 जून को रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद राज्य चुनाव आयुक्त ने नरेला, भोजपुर, होशंगाबाद और सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की शिकायत की डोर-टू-डोर जांच करवाई। इस जांच में दो हजार फर्जी वोटर पाए गए हैं। इन नामों को मतदाता सूची से काटे जाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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