
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी गई है। मुख्य सचिव कार्यालय ने इसे सामान्य प्रशासन विभाग को दिया और उसने अब गृह विभाग को भेज दिया है। गृह विभाग इसे कैबिनेट में प्रस्तुत करेगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही इसे विधानसभा के पटल पर रखा जा सकेगा। 25 जून से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में इसके पटल पर रखे जाने की संभावना कम जताई जा रही है।
पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान किसान इतने हिंसक हो गए कि सरकार को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। आंदोलन में छह किसानों की जान चली गई थी। उसके बाद देश भर में बवाल मच गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोलीकांड की घटना की जांच के लिए जस्टिस जेके जैन आयोग का गठन कर तीन माह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। न्यायिक आयोग को पता करना था कि पुलिस फ़ायरिंग सही थी या नहीं। यदि नहीं तो फिर फ़ायरिंग के लिए गुनहगार कौन है। इसके बाद जैन आयोग का कार्यकाल लगातार बढ़ता रहा।
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