ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोला था कि संविदा शब्द कलंक है। इसके बाद भी संविदा कर्मचारी नियमित नहीं किए गए। मुख्यमंत्री के इसी झूठे आश्वासन के विरोध में अब मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के सदस्य 15 जून को सामूहिक त्याग पत्र देंगे ताकि संविदा का जो कलंक सीएम खत्म नहीं कर सके वे कर्मचारी करके दिखाएं।
मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के प्रदेश संयोजक दिनेश सिंह तोमर ने कहा आंदोलन को लेकर भोपाल में प्रशासन ने अभी मंजूरी नहीं दी है पर मंच के सदस्य हर हाल में 15 जून को इस्तीफा देकर विरोध करेंगे। इस दौरान यदि उन्हें जेल भी जाना पड़ा तो वे तैयार हैं। भोपाल आंदोलन से पहले 11 जून को ग्वालियर में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। ग्वालियर में मंच के 1160 सदस्य हैं। इन्होंने कुछ दिन पहले लंबा आंदोलन किया था, इससे सरकारी दफ्तरों की व्यवस्थाएं चौपट हो गई थीं।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था परंतु शिवराज सिंह सरकार ने उनके लिए कुछ इस तरह की नीति बनाई है कि वो नियमित तो होंगे परंतु निर्धारित परीक्षाएं देकर। उन्हे 20 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा उनकी सेवा समाप्ति व अन्य प्रक्रियाओं में उन्हे नियमित कर्मचारी के समान माना जाएगा। कर्मचारियों ने इसे ठुकरा दिया है।
BHOPAL SAMACHAR | HINDI NEWS का
MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए
प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com