सौरभ पांडेय/शहडोल। संविदा शिक्षक भर्ती में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां शिक्षा विभाग ने लापरवाही बरतते हुए उन लोगों को संविदा शिक्षक नियुक्त कर दिया जो पात्र ही नहीं थे। इस भर्ती घोटाले के सामने आने से एक ओर जहां शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है वहीं दूसरी ओर जिला शिक्षा अधिकारी ने अपात्र संविदा शिक्षकों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमें दर्ज कराने का निर्देश जारी कर दिया है। पता चला है कि अपात्रों को लाभ दिलाने के लिए शिक्षा विभाग ने उन लोगों को शिक्षक के पद पर नियुक्त कर दिया था जिनके पास मार्कशीट तक नहीं थी।
इसके बाद खुद को सही साबित करने के लिए शिक्षकों ने फर्जी अंकसूची का सहारा लिया। कलेक्टर के निर्देश के बाद जब जांच शुरू हुई तो शुरुआती चरण में सात शिक्षकों को फर्जी अंक सूची के आधार पर नौकरी दी गई थी। शिक्षकों के ऊपर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने के बाद जिला प्रशासन उन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच कर रहा है जो इस भर्ती घोटाला में शामिल थे।
शहडोल जिले के ब्यौहारी विकास खंड में जाली अंक सूची लगाकर संविदा शिक्षक वर्ग-3 की नौकरी हासिल करने वाले सात संविदा शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाएगा। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने बीईओ को पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं। जनपद पंचायत ब्यौहारी में संविदा शिक्षक वर्ग-3 में हुई अनियमितता की जांच चल रही थी।
जिला शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी ब्यौहारी को जो पत्र लिखा है उसमें माया चतुर्वेदी, सोनकली बुनकर, सहायक अध्यापक जगदीश प्रसाद तिवारी, अरूण तिवारी, लालदेव सिंह,शंकर सिंह तथा रामनरेश सिंह के नाम शामिल हैं। इन सभी ने अपनी अपनी फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी हासिल की थी। पुलिस में रिपोर्ट के बाद इन शिक्षकों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। वहीं अब तक जो वेतन इन लोगों ने गलत पात्रता के आधार पर सरकारी खजाने से लिया है, उसकी रिकवरी भी इनसे की जाएगी।
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