भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव के आरोपों से बचने के लिए विधानसभा के सत्र को 4 कामकाजी घंटे में ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करवा दिया परंतु यह चुनावी साल है। कांग्रेस के हमले लगातार जारी हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के पैसे से अपने लिए 30 लाख रुपए की लक्झरी SUV कार खरीद ली। कार का पेमेंट किसान सड़क निधि योजना से किया गया है। बता दें किसान सड़क निधि का फंड मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा अनुरक्षित किया जाता है। जिसे आमतौर पर मंडी बोर्ड भी कहा जाता है। यह वो पैसा है जो किसान और फसल के खरीददार से टैक्स के रूप में वसूला जाता है और मंडी में आने वाले किसानों की सुविधाओं के लिए खर्च किया जाता है। गांव से मंडी तक की सड़क बनाने के लिए सड़क निधि का पैसा खर्च किया जाता है।
किसान आंदोलन से पहले खरीदी गई CAR
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब राज्य में किसान आत्महत्या कर रहे थे तब वहां के मुख्यमंत्री के लिए 30 लाख रुपये की FORTUNER CAR खरीदी गई। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह किसान सड़क निधी की सशक्त समिति के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि यह गाड़ी 6 जून 2017 को मंदसौर में हुए किसान गोलीकांड से महज एक महीने पहले ही खरीदी गई थी। उस वक्त गोलीकांड में करीब 5 किसानों की मौत हुई थी।
VIP नंबर के लिए किसानों का 32 हजार रुपए खर्च किया
उन्होंने कहा, गाड़ी खरीदने के अलावा आरटीओ एजेंट के माध्यम से गाड़ी का वीआईपी नंबर लेने के लिए करीब 32,070 रुपये भी खर्च किए गए। इस राशि में एजेंट के पैसे भी शामिल थे। मंडी बोर्ड के प्रबंध निदेशक फैज अहमद किदवई ने इस बात की पुष्टि की है कि एसयूवी गाड़ी मुख्यमंत्री के आधिकारिक इस्तेमाल के लिए ही खरीदी गई थी। उन्होंने कहा कि वह इस बात की जांच करेंगे कि गाड़ी किस योजना के फंड से खरीदी गई। मामले पर राज्य सरकार के प्रवक्ता और संसदीय कार्य व जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
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