ग्वालियर। शिवपुरी में पिछले कुछ समय से विधायक एवं मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को तंग करने का अभियान चल रहा है। यह राजनीतिक एवं प्रशासनिक स्तर पर लगातार जारी है। जान बूझकर कुछ ऐसा किया जाता है कि वो सबके सामने खुद को अपमानित महसूस करें, नियंत्रण खो दें और कुछ ऐसा करें जो सुर्खियां बन जाए। सामान्य से काम भी यशोधरा राजे सिंधिया का नाम आते ही मुश्किल हो जाते हैं। उन्हे अटकाया जाता है, लटकाया जाता है और प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया जाता है। पिछोर विकासखंड के ग्राम शाजपुर में एक स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान भी ऐसा ही हुआ।
स्कूल का लोकर्पण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से कराया गया लेकिन आयोजक बीआरसी वीके ओझा ने सूचना पटल पर उनका नाम ही अंकित नहीं किया जबकि सभी अतिथियों एवं जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित किए गए थे। फीता काटने के बाद जैसे ही यशोधरा राजे सिंधिया की नजर सूची पर पड़ी वो चौंक उठीं। इस बार उन्होंने ना केवल नाराजगी जाहिर की परंतु डीईओ गिल को डांट लगाई एवं कलेक्टर को निर्देशित किया कि बीआरसीसी वीके ओझा को तत्काल निलंबित किया जाए।
बता दें कि यशोधरा राजे सिंधिया मप्र की एक ऐसी मंत्री हैं जिनका बेहतर प्रदर्शन होने के बावजूद उन्हे उद्योग विभाग से हटा दिया गया। विभिन्न जिलों में चल रहीं जल परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए स्थानीय विधायकों की बातों को सीएम हाउस में काफी महत्व दिया जाता है परंतु शिवपुरी की सिंध जल संवर्धन योजना को लगातार केवल इसलिए लटकाया गया है क्योंकि वहां की विधायक यशोधरा राजे सिंधिया हैं और यह उनकी महत्वाकांक्षी योजना है। विपक्ष तो अड़ंगे लगाता ही है, अपनी ही पार्टी में यशोधरा राजे सिंधिया अक्सर अकेली पड़ जातीं हैं।
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