
जस्टिस नरेश पाटिल और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने सोमवार को कल्बादेवी इलाके में जाम की समस्या पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। इस इलाके में कई बाजार हैं जहां अक्सर सड़क पर लोगों के गाड़ी खड़ी करने से जाम लगा रहता है। जस्टिस पाटिल ने कहा, 'आज लोग यह सोचते हैं कि क्योंकि उनके पास कार है तो वह अपने मन के मुताबिक कहीं भी खड़ी कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति पैदल चलने वाले लोगों के बारे में नहीं सोचता है।'
बता दें कि मुंबई में लगातार वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है जिससे साउथ मुंबई समेत कई इलाकों में कार पार्किंग की कमी हो गई है। कई कार मालिक पार्किंग चार्जेज से बचने के लिए सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देते हैं। साउथ मुंबई में एक घंटे कार खड़ी करने के लिए 60 रुपये और 12 घंटे के लिए 210 रुपये देना पड़ता है।
पीठ ने राज्य सरकार, ट्रैफिक पुलिस और बीएमसी को निर्देश दिया कि वह जाम की समस्या का हल निकाले। उन्होंने कहा, 'समस्या के समाधान का रास्ता तलाश करें। यदि आप कुछ नहीं करेंगे तो स्थिति और ज्यादा खराब होगी। जाम की समस्या केवल मुंबई ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। अन्य एजेंसियों को भी सहयोग करना होगा।'
उधर, याचिकाकर्ता राजेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि इस इलाके में लापरवाही के साथ वाहन खड़े कर दिए जाते हैं कि जिससे ऐंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को जाम से जूझना पड़ता है। वे समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाते हैं।
BHOPAL SAMACHAR | HINDI NEWS का
MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए
प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com