सोशल मीडिया के उपद्रवियों ने प्रणब मुखर्जी की फेक फोटो वायरल कर दी

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। यह प्रमाणित हो चुका है कि एक पूरा सिंडीकेट है जो आरएसएस और भाजपा के समर्थन में फेक फोटो बनाता है और सोशल मीडिया पर वायरल करता है। इस सिंडीकेट का विचारधारा से कोई रिश्ता नहीं है। शायद इसीलिए इन्हे 'अंधभक्त' भी कहा जाता है। आरएसएस के ओटीसी में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जाना, उनका भाषण और उसके बाद मोहन भागवत का भाषण यह संदेश दे गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब गणवेश के बाद विचारधारा में भी बदलाव करने जा रहा है। इतने महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर भी ये उपद्रवी बाज नहीं आए। उन्होंने प्रणब की फेक फोटो वायरल कर दी। इसमें वे आरएसएस कार्यकर्ताओं की तरह ध्वज प्रणाम करते नजर आ रहे हैं। 

जिसका डर था वही हुआ: शर्मिष्ठा मुखर्जी
गुरुवार को इस कार्यक्रम के खत्म होने के कुछ देर बाद उनकी बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने यह फोटो ट्विटर पर शेयर कर कहा- जिसका डर था वही हुआ। मैंने अपने पिता को इस बारे में चेताया था। बता दें कि 6 जून को शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर प्रणब को नागपुर न जाने की नसीहत देते हुए कहा था कि अापकी बातें भुला दी जाएंगी, सिर्फ फोटा रहेंगी।

क्या है फेक फोटो में?
सोशल मीडिया पर जो फोटो वायरल हो रही है उसमें प्रणब मुखर्जी मंच पर सर संघचालक मोहन भागवत के साथ संघ की प्रार्थना के वक्त ध्वज प्रणाम करते नजर आ रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस आईटी सेल की स्टेट इंचार्ज रुचि शर्मा ने आरएसएस के कार्यक्रम की दो फोटो शेयर कीं। एक में संघ नेताओं के साथ प्रणब दा संघ की टोपी और ध्वज प्रणाम करते नजर आ रहे हैं। रुचि ने इस तस्वीर को फर्जी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाता हुए लिखा कि ये कलाकारी भाजपा के आईटी सेल की है।

हकीकत क्या है?
संघ का दीक्षांत समारोह 7 जून को नागपुर में हुआ। प्रणब मुखर्जी इसमें शामिल हुए। संघ की प्रार्थना के दौरान मंच पर वह सावधान की मुद्रा में खड़े रहे। उस वक्त मोहन भागवत समेत दूसरे संघ के कार्यकर्ता परंपरा के मुताबिक ध्वज प्रणाम की मुद्रा में थे लेकिन उन्होंने एक बार भी ध्वज प्रणाम नहीं किया।

शर्मिष्ठा ने कहा- मुझे इसी बात का डर था
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि जिस बात का डर था, वही हुआ। मैंने पिता को इस बारे में चेताया भी था। संघ के कार्यक्रम के कुछ देर बाद ही भाजपा और संघ द्वारा डर्टी ट्रिक्स का उपयोग किया जा रहा है। इससे पहले 6 जून को उन्होंने ट्विटर पर पिता को नसीहत देते हुए कहा था कि आरएसएस भी नहीं मानता है कि आप भाषण में उसकी सोच का बखान करेंगे, लेकिन बातें भुला दी जाएंगी। रहेंगे तो सिर्फ फोटो, जो फर्जी बयानों के साथ प्रसारित किए जाएंगे। नागपुर जाकर आप भाजपा-आरएसएस को फर्जी खबरें प्लांट करने, अफवाहें फैलाने का पूरा मौका दे रहे हैं। बता दें कि उन्होंने यह ट्वीट उस खबर के बाद किया था जिसमें कहा गया कि वे भाजपा ज्वाइन करने वाली हैं।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सीके जाफर शरीफ समेत 30 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने प्रणब से संघ कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की थी। इन नेताओं ने पत्र और मीडिया के जरिए मुखर्जी से इस कार्यक्रम से दूर रहने को कहा था।
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