भोपाल। पिछले दिनों संविदा कर्मचारियों ने जबर्दस्त हड़ताल की थी। सीएम शिवराज सिंह ने उन्हे सीएम हाउस बुलाकर कहा था कि अब मप्र में संविदा कर्मचारी जैसा शब्द ही नहीं रहेगा। माना जा रहा था कि सभी को संविदा शिक्षकों की तरह नियमित कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। संविदा कर्मचारियों के एक नीति जरूर बना दी गई जिसमें उनकी नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा थोड़ा कम हुआ। सीएम शिवराज सिंह की वादाखिलाफी के खिलाफ एक बार फिर संविदा कर्मचारी नीलम पार्क में एकजुट हो गए हैं।
नई संविदा नीति के विरोध में सरकार से नाराज संविदा कर्मी आज नीलम पार्क में बड़ी संख्या में एकत्रित हुए हैं। दोपहर बाद सी एम हाउस और मंत्रालय घेरने की तैयारी है। 34 विभागों के करीबन एक लाख 84 हजार संविदा कर्मियों की सरकार से मांग है कि नियमित किया जाए, कई विभागों की बन्द हो चुकी परियोजनाओं से बाहर किये गए संविदा कर्मचारियों की भी बहाल किया जाए।
दरअसल, 'संविदा व्यवस्था अन्यायपूर्ण व्यवस्था है और दिग्विजय काल में यह शुरू हुई थी, इसे ख़त्म कर दिया जाएगा'.. यह बात सीएम शिवराज ने कई मौके पर कही, जिसके बाद लगभग एक माह तक हड़ताल करने वाले संविदाकर्मियों को सरकार से उम्मीद बंध गई और उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली लेकिन कैबिनेट तक इस प्रस्ताव को पहुँचने में देर लग गई। कैबिनेट मीटिंग में उम्मीद थी कि संविदा कर्मचारियों को उन विभागों में जहां वो काम कर रहे हैं, नियमित कर्मचारी के तौर पर मर्ज कर दिया जाएगा। कहा गया था कि 29 मई को कैबिनेट में इसकी मंजूरी दे दी जाएगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। कैबिनेट में संविदा कर्मचारियों का मुद्दा आया। कुछ फैसले भी हुए परंतु नियमितीकरण नहीं हुआ। नाराज संविदा कर्मचारियों ने एक बार फिर विरोध के स्वर उग्र कर दिए हैं। अब सरकार के खिलाफ संविदाकर्मियों ने आर पार की लड़ाई का एलान किया है।
इनपुट उत्पल द्विवेदी, फोटो शुभम भार्गव
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