MUMBAI: महाराष्ट्र के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुंबई निवासी द्वारा दर्ज शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस भेजा है। आयोग ने राहुल से उन तीन दलित लड़कों की पहचान उजागर करने को कहा है जिनका वीडियो उन्होंने 15 जून को अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर किया था। राहुल को जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिनों का वक्त दिया गया है।
राहुल ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, "महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये एक सवर्ण कुएं में नहा रहे थे। आज मानवता भी आखरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है।" उन्होंने आगे लिखा था, "आरएसएस-भाजपा की मनुवाद की नफरत की जहरीली राजनीति के खिलाफ हमने अगर आवाज नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।"
आरोप है कि इन बच्चों को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में तालाब में नहाने के कारण बेल्ट से पीटा गया था। आयोग के अध्यक्ष प्रवीण घुज द्वारा 19 जून को जारी इस नोटिस में राहुल पर जुवेनाइल न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम से संबंधित धाराएं और यौन अपराध अधिनियम से बच्चों का संरक्षण के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत का कहना है कि यह वीडियो सोशल साइट्स पर पहले से ही वायरल थी और कांग्रेस अध्यक्ष ऐसे पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने ये वीडियो ट्वीट किया है। भाजपा द्वारा लोगों का ध्यान असली मुद्दों से हटाने के लिए ये सब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक ये मामला 10 जून का है जब तालाब में दलित बच्चों के नहाने पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और बेल्ट से उनकी पिटाई कर दी। इसके बाद गांव में उनका जुलूस भी निकाला गया था। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। पिटाई के वक्त तीनों नाबालिग अपना शरीर ढंकने के लिए पत्तों का सहारा लेते दिख रहे थे।