BHOPAL: राज्य शिक्षा मंत्री दीपक जोशी का कहना है कि स्कूली बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने के बारे में कई प्रयास किए गए लेकिन लगभग सभी विफल रहे। अब प्रदेश सरकार नई योजना लाई है। इस सत्र से हम कोर्स को तीन-तीन महीनों में बांट रहे हैं। जिन विषयों की पढ़ाई मौजूदा तीन महीनों में नहीं होना है, बच्चों को वे किताबें स्कूल लाने की जरूरत नहीं होगी। देश में ऐसा प्रयोग अब तक नहीं हुआ है। जोशी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में ये बात कही।
अगले वर्ष तक देश के 100 प्रीमियम तकनीकी संस्थानों में
अगले साल तक जीएसआईटीएस देश के श्रेष्ठतम तकनीकी शिक्षा संस्थानों में शामिल हो जाएगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर, फॉरेन फैकल्टी सहित कुल पांच कार्यों के लिए संस्थान ने राज्य सरकार से सहयोग मांगा है और सरकार की तरफ से मदद की जा रही है। सेंटर ऑफ इनोवेशन डिजाइन एंड इन्क्यूबेशन बना ही चुके हैं। इस सत्र से इंडस्ट्री के लोग भी संस्थान के सेंटर में ही वो प्रोडक्ट बनाएंगे जो पहले विदेशों या अन्य राज्यों से आमंत्रित करना पड़ते थे।
टैलेंट माइग्रेशन अब परेशानी नहीं
यहां एमबीए के लिए मध्यप्रदेश के युवाओं के पुणे जाने की बात पर और जोशी ने कहा टैलेंट माइग्रेशन हमारी परेशानी थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सिम्बाॅयोसिस यूनिवर्सिटी यहां लाने का कारण ही यह है। अब नर्सी मुंजी और सिम्बायोसिस जैसे संस्थान एमपी में हैं। अब तो टैलेंट राज्य में आएगा। पलायन नहीं करेगा।