भोपाल। मध्यप्रदेश में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत प्रदेश के 133 विकास खण्डों में कौशल विकास केंद्र प्रारम्भ किये थे। इन केंद्रों के संचालन के लिए शासन के पत्र क्रमांक एफ 21-3 /2011 /बयालिस (2) भोपाल दिनांक 20.07.2011 के द्वारा पदों को भरने के लिए रोस्टर का निर्धारण किया गया तथा इन पदों को भरने के लिए DLCVET को अधिकृत किया गया। प्रत्येक कौशल विकास केंद्र पर 01 मैनेजर, 01 लेखपाल, 04 प्रशिक्षक एवं 02 सहायक नियुक्ति किए गए। सभी पदों को भरने के लिए लिखित एवं साक्षात्कार परीक्षा MPONLINE BHOPAL के माध्यम से ली गई थी।
कौशल विकास केंद्र के कार्य/दायित्व
१. ग्रामीण स्तर पर बेरोजगार लोगो को हुनर प्रदान करना ताकि वो आत्मनिर्भर बन सके।
२. पढ़ाई छोड़ चुके युवकों को टेक्निकल ओर नॉन टेक्निकल प्रशिक्षण प्रदान करना।
३. प्रशिक्षण उपरांत इन युवाओं को रोजगार स्वरोज़गार के अवसर प्रदान करवाना।
४. खुद का स्वरोजगार स्थापित करने के लिए बैकों से वित्तीय सहायता प्रदान करवाना।
५. रोजगार के लिए सभी प्रशिक्षणार्थीयों का जिला रोजगार कार्यालय में पंजीयन करवाना । एवं बेहतर रोजगार उपलब्ध करवाना।
इन केंद्रों का संचालन सुचारू रूप से चल रहा था परंतु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इन केंद्रों को ख़त्म कर दिया गया एवं इन केंद्रों मे पदस्थ संविदा अमले की सेवा ख़त्म करने का कठोर निर्णय लिया गया। जिस कारण लगभग 1000 परिवारों रोजीरोटी का संकट आ गया है।
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