गुना। कुंभराज थानाक्षेत्र की मृगवास पुलिस चौकी के तहत एक 12 वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ 16 वर्ष के एक किशोर ने करीब एक माह पहले दुष्कर्म किया और बच्ची के चेहरे पर पत्थर मारकर हत्या की कोशिश की। इस मामले में मृगवास पुलिस पर बच्ची के माता-पिता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता की मां का कहना है कि मृगवास पुलिस ने उन्हें ज्यादा शिकायत करने पर उल्टे कार्रवाई की धमकी दी। यही नहीं करीब 13 दिन बाद पुलिस ग्वालियर बयान लेने आई, तब भी एफआईआर नहीं लिखी। पुलिस ने पहले साधारण मारपीट का प्रकरण दर्ज किया और मेडिकल रिपोर्ट के बाद दुष्कर्म तथा जानलेवा हमले की कायमी की। इसकी एफआईआर कॉपी भी करीब 21-22 दिन बाद हमें दी गई।
बयान से पहले दी FIR
पीड़िता की मां ने बताया कि 4 जुलाई को उन्हें बच्ची के धारा 164 के तहत बयान कराने आरोन न्यायालय बुलाया गया। इसके एक-दो दिन पहले ही एफआईआर भी दी गई। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई की शाम बच्ची की हालत वापस बिगड़ गई। बच्ची के कान से पस निकल रहा है और सिर में भी दर्द है, वह बैठ भी नहीं पा रही है।
पीड़िता के पिता ने बताया कि 12 जून को बच्ची खेत पर भैंसों को पानी देने गई थी। गांव के एक लड़के ने शाम करीब 6 बजे मुझे बताया कि तुम्हारी लड़की बगीचे में बेहोश पड़ी है, किसी ने उसके साथ मारपीट कर दी है। मैं बच्ची के पास पहुंचा, तो बच्ची ने एक लड़के द्वारा मारपीट करना बताया। मैं बच्ची को लेकर मृगवास पुलिस चौकी गया, तो पुलिस ने कहा कि इसे कुंभराज ले जाओ इसकी हालत खराब है। कुंभराज पुलिस ने गुना जाने का कहा। गुना के जिला अस्पताल में एक रात बच्ची भर्ती रही। यहां कोतवाली पुलिस बयान लेने आई थी। इसके बाद बच्ची को ग्वालियर रैफर कर दिया गया।
मां का आरोप- पुलिस ने बहुत परेशान किया
पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि ग्वालियर के ट्रामा केयर सेंटर में बताया गया कि कम्पू पुलिस कार्रवाई करेगी। कम्पू पुलिस के पास गए, तो उन्होंने कहा कि मृगवास पुलिस ही कार्रवाई करेगी। एक वकील के जरिए अधिकारियों को शिकायत भेजी, तब जाकर करीब 13 दिन बाद मृगवास से पुलिस आई और तहसीलदार को लाकर बयान लेने की बात कहकर चली गई। उसी समय एक ग्वालियर के नेताजी अस्पताल के वार्ड में आए, जिन्होंने हालचाल जाने और हमने पूरी बात बताई, तो उन्होंने मृगवास पुलिस को फोन कर वापस बुलाया।
तब मृगवास पुलिस ने धमकाया कि ज्यादा शिकायत करोगे, तो उल्टे तुम पर ही कार्रवाई कर देंगे। उसी रात में बच्ची का मेडीकल मृगवास पुलिस के सामने हुआ। मृगवास पुलिस उसी रात गुना वापस आ गई और रिपोर्ट लेकर भी नहीं आई। इसके बाद 29 जून को ग्वालियर अस्पताल से छुट्टी होने पर हम बच्ची को लेकर वापस गांव आए। इसके बाद हम दोनों पति-पत्नी को मृगवास चौकी बुलाया गया। यहां हमने एफआईआर की कॉपी मांगी और लड़के को पकड़ने की बात कही, तो पुलिस ने कहा कि तुम्हें जो करना है कर लेना, हमारे पास अभी एफआईआर नहीं है।
हमने ने नियमानुसार काम किया: पुलिस
मामले में बालिका के पिता ने मारपीट का प्रकरण दर्ज कराया था। इसके बाद ग्वालियर से मेडीकल रिपोर्ट मिलने पर जान से मारने का प्रयास और दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया। अपचारी बालक को 5 जुलाई को दस्तयाब किया। मामले में डीएनए टेस्ट कराने सागर भेजा है। बालिका के मातापिता ऐसे आरोप क्यों लगा रहे हैं, मुझे नहीं पता। पुलिस ने अपना पूरा काम विधि अनुसार किया है।
चंद्रप्रकाश दीक्षित, मृगवास चौकी प्रभारी
बालिका की हालत खराब थी इसलिए गुना अस्पताल भेजा था। वहां महिला एसआई से बालिका के बयान कराए थे। इसके बाद दुष्कर्म और जानलेवा हमले की धाराओं का भी इजाफा किया। मामला संवेदनशील होने से पुलिस ने पूरी कार्रवाई तत्परता से की है।
संजीव तिवारी, टीआई कुंभराज
मामले में तत्काल कार्रवाई कर बालक को भी पकड़ लिया है। पुलिस ने पूरा काम नियमानुसार किया है। पुलिस पर लगाए गए आरोप गलत हैं। कोई लापरवाही नहीं की गई है।
निमिष अग्रवाल, एसपी गुना
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