आषाढ़ की गुप्त नवरात्र इस बार 14 से 21 जुलाई तक रहेंगी। ध्यान रखिए कि यह गुप्त नवरात्र है। इसका पूजा विधान गुप्त रूप से ही किया जाता है। यह कोई त्यौहार नहीं है। इसका उत्सव नहीं मनाया जाता। यदि आप चाहते हैं कि आपके समस्त ज्ञात और अज्ञात शत्रुओं का नाश हो तो केवल यही अवसर है जब आप इस तरह का विधान कर सकते हैं। इसके लिए सुयोग्य पंडित को बुलवाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ कराना चाहिए परंतु यदि आप फिलहाल ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं हैं तो इसके लिए संकल्प लें कि जब भी सक्षम होंगे, दुर्गा सप्तशती का विधिविधान अनुसार पाठ करवाएंगे और 14 से 21 जुलाई तक सिर्फ 1 मंत्र का जप करें, शास्त्रों में उल्लेख है कि ऐसा करने से भी आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
इस मंत्र को एक श्लोकी दुर्गासप्तशती कहते हैं। यह मंत्र इस प्रकार है-
या अंबा मधुकैटभ प्रमथिनी, या माहिषोन्मूलिनी,
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता, माम् पातु विश्वेश्वरी
Yaa Maayaa Madhu-Kaittabha-Pramathinii Yaa Maahisso[a-U]nmuulinii
Yaa Dhuumrekssanna-Canndda-Munndda-Mathinii Yaa Raktabiija-Ashinii ||
Shaktih Shumbha-Nishumbha-Darpa-Dalinii Yaa Siddhalakssmii Paraa
Saa Cannddii Nava-Kotti-Muurti-Sahitaa Maam Paatu Vishveshvarii ||
इस विधि से करें एक श्लोकी दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप
1. गुप्त नवरात्र में रोज सुबह जल्दी नहाकर, साफ कपड़े पहनकर देवी दुर्गा के चित्र या मूर्ति की पूजा करें।
2. माता दुर्गा के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें। रोज कम से कम 1 माला (108 बार) जाप अवश्य करें।
3. आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है। एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
जप से पहले इसे याद कर लेने के लिए कृपया यूट्यब पर सर्च करें: एक श्लोकी दुर्गा सप्तशती मंत्र
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