भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की चुनावी योजना मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना-2018 के तहत अब तक 1409 करोड़ के बिजली बिल माफ किए जा चुके हैं। 71 लाख से अधिक हितग्राहियों का पंजीयन हो चुका है। यानि आने वाले दिनों में अब इन्हे केवल 200 रुपए प्रतिमाह पर बिजली मिलेगी। यह सबकुछ ऐसे समय में किया जा रहा है जबकि मध्यप्रदेश का सरकारी खजाना पूरी तरह से खाली है और प्रदेश पर 1.84 लाख करोड़ का कर्ज है। कर्मचारियों को वेतन तक के लाले पड़ गए हैं। प्रदेश भर में सड़क निर्माण कार्य लगभग बंद कर दिया गया है।
आज जारी हुई सरकारी रिपोर्ट के अनुसार सरल बिजली बिल स्कीम एवं बीपीएल उपभोक्ताओं की मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम में अब तक 71 लाख से अधिक हितग्राहियों का पंजीयन हो चुका है। इनमें से 24 लाख से अधिक का पंजीयन सरल बिजली बिल और 47 लाख से अधिक पंजीयन बकाया बिजली बिल माफी स्कीम में हुए है। दोनों योजनाएँ एक जुलाई से लागू हुई है। पंजीयन के लिये प्रदेश के सभी जिलों में विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा शिविर लगाये जा रहे हैं।
पेट्रोल की तरह आसमान छुएंगे बिजली के दाम
सबसे बड़ा सवाल यह है कि कड़की के दिनों में इस खर्चे की भरपाई कब और कैसे होगी। यदि बिजली कंपनी के व्यवहारिक सिद्धांत की बात करें तो वह कुल उत्पादित बिजली की लागत+मुनाफा+टैक्स मिलाकर जो टोटल बनता है उसे उन सभी उपभोक्ताओं में विभाजित कर देती है जो ईमानदारी से बिल भरते हैं। यदि इस सिद्धांत को आधार मान लिया जाए तो इन 71 लाख उपभोक्ताओं द्वारा खर्च की जाने वाली बिजली का बिल वो उपभोक्ता भरेंगे जो ईमानदारी से बिल जमा करते हैं। सरल शब्दों में कहें तो पेट्रोल की तरह मप्र में चुनाव के बाद बिजली के दाम भी आसमान छुएंगे।
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