नई दिल्ली। ये शायद दुनिया भर में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ हुई सबसे बड़ी कार्रवाई है। तुर्की में सिर्फ एक आदेश में 18500 सैनिकों सहित कुल 18632 सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं हैं। सभी पर देश विरोधी संगठनों से संबंध रखने के आरोप है। बर्खास्त होने वाले कर्मचारियों में पुलिस अधिकारी, सेना के अधिकारी/कर्मचारी व शिक्षाविद भी शामिल हैं। इसके अलावा 3 अखबार, 1 टीवी चैनल और 12 संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
प्रशासन के आदेश के मुताबिक 8,998 पुलिस अधिकारियों और थल सेना के 3,077 सैनिकों को बर्खास्त किया गया है। जबकि वायुसेना के 1,949 और नौसेना के 1,126 सैनिकों के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की गई है। आदेश में कहा गया कि विधि मंत्रालय और इससे जुड़े संगठनों से 1,052 लोकसेवकों को हटाया गया है। इसके साथ ही जेंडारमेरी के 649 और तटरक्षक बलों में तैनात 192 लोगों को भी बर्खास्त किया गया है।
1 टीवी चैनल, 03 अखबार और 12 संगठनों पर प्रतिबंध
अल जजीरा के मुताबिक इस आदेश में तीन अखबार, एक टीवी चैनल और 12 संगठनों को भी बंद कर दिया गया है। नए आदेश के तहत प्रशासन ने 199 शिक्षाविदों को भी बर्खास्त किया है। वहीं अतीत में बर्खास्त किए गए 148 कर्मचारियों को फिर से बहाल किया गया है।
राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान की सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयास के बाद जुलाई 2016 से तुर्की में अपातकाल लगा हुआ है। इसके 19 जुलाई को खत्म होने का अनुमान है। 19 जुलाई को खत्म होने वाले इस अपातकाल की अवधि को सात बार बढ़ाया जा चुका है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को देश से अपातकाल हटाया जा सकता है।
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