भोपाल। पूरी तरह से चुनावी मोड में चल रही सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार ने आदिवासी वोटों को लुभाने के लिए 09 अगस्त को सरकारी अवकाश घोषित कर दिया है। इस बार सरकार विश्व आदिवासी दिवस मनाएगी। सांस्कृतिक आयोजन किए जाएंगे और आदिवासियों को भोजन व उपहार भी दिए जा सकते हैं परंतु यह सबकुछ केवल उन्हीं 20 जिलों में होगा जहां आदिवासी वोटर निर्णायक स्थिति में है। शेष 31 जिलों के आदिवासियों को 'विश्व आदिवासी दिवस' मनाने के लिए सरकारी अवकाश नहीं दिया जाएगा।
कैबिनेट बैठक के बाद अनौपचारिक बैठक के मुद्दों पर चर्चा करते हुए जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सरकार ने 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का फैसला किया है। इसके तहत आदिवासी विकासखंड वाले जिलों में सरकारी छुट्टी घोषित की जाएगी। बताया जा रहा है कि झाबुआ, अलीराजपुर सहित कुछ अन्य जिलों में जिला प्रशासन स्थानीय अवकाश घोषित करता रहा है लेकिन प्रदेश स्तर पर इस तरह की व्यवस्था पहली बार बनाई जा रही है।
इन जिलों में होगी छुट्टी
अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सीधी, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, होशंगाबाद, बुरहानपुर, खंडवा, बड़वानी, खरगोन, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, रतलाम, श्योपुर।
शेष जिलों के आदिवासियों को कुछ नहीं मिलेगा
मध्यप्रदेश में कुल 51 जिले हैं। इनमें से 20 आदिवासी जिले हैं जहां सरकारी छुट्टी घोषित कर दी गई है परंतु सवाल यह है कि शेष 31 जिलों के आदिवासियों का क्या। यदि आदिवास निर्णायक वोट है तो छुट्टी, योजनाएं और गिफ्ट भी और यदि निर्णायक वोट नहीं है तो उसे छुट्टी भी नहीं दी जाएगी।
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