Lunar Eclipse July 2018: 27 जुलाई की रात 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण लगने वाला है। 104 साल बाद ऐसा चंद्रग्रहण लग रहा है। चंद्रग्रहण 27 जुलाई रात्रि 11.54.26 PM से 28 जुलाई रात्रि 03.48.59 AM बजे तक लगेगा। यानी यह ग्रहण 03 घंटे 54 मिनट 33 सेकेंड का है। सूतक काल 27 जुलाई को दोपहर 12.27.28 बजे से प्रारंभ हो रहा है। सूतक काल 28 जुलाई रात्रि 03.48.59 बजे खत्म होगा।
चंद्रग्रहण का राशियों पर प्रभाव | CHANDRA GRAHAN RASHIFAL
मेष राशि : इस राशि के लिए चंद्र ग्रहण शुभ और नए अवसर की प्राप्ति वाला होगा। लेकिन ग्रहण के समय किया जाने वाला दान अवश्य करें।
वृष राशि : चंद्र ग्रहण इस राशि के लिए संतान की प्राप्ति और धन प्रदान करने वाला रहेगा। हनुमान पूजा शुभ फल देगी।
मिथुन राशि : इस राशि को चंद्र ग्रहण स्वास्थ्य में थोड़ी परेशानी देगा। लेकिन इस राशि के लिए चंद्र ग्रहण शुभ भी रहेगा और कई जातकों के घर धन का आगमन कराने वाला रहेगा।
कर्क राशि : जुलाई 2018 का चंद्र ग्रहण इस राशि के लिए अच्छा नहीं है और ये मानसिक तौर पर परेशान करने वाला रहेगा। कर्क का स्वामी चंद्रमा है और ये खुद ग्रहण में है लिहाजा परेशानी आएगी। कर्क राशि के लोग शिव उपासना करें तो फायदा होगा।
सिंह राशि : इस राशि के लिए चंद्र ग्रहण का फल मिश्रित रहेगा। दान और उपासना से अच्छे संयोग बन सकते हैं।
कन्या राशि : कन्या राशि के जातकों के लिए चंद्र ग्रहण कोई नकारात्मक संकेत नहीं दे रहा है। कुल मिलाकर इस राशि के लोग लाभ में रहेंगे।
तुला राशि : तुला राशि के जातकों के लिए भी चंद्र ग्रहण मिश्रित फलदायी है। ये न तो ज्यादा नुकसान करेगा और न ही कोई बड़ा शुभ समाचार लेकर आएगा।
वृश्चिक राशि : इस का स्वामी मंगल है। ग्रहण का असर मध्यम होगा। मकर राशि पर ग्रहण का गोचर आर्थिक तौर पर वृश्चिक को उन्नति प्रदान करते हुए मंगल रियल स्टेट से लाभ कराएगा। हालांकि स्वास्थ्य विशेषकर मंगल से संबंधित रोग रक्त और बी पी के प्रति सावधानी बरतनी होगी।
धनु राशि : इस राशि पर भी ग्रहण का असर ठीक नहीं है। शिक्षा को प्रभावित करेगा। धन हानि की संभावना है। इन राशि के जातकों को चंद्रमा और शनि के बीज मंत्र के साथ साथ श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए।
मकर राशि : इस ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव मकर राशि पर पड़ेगा। मकर राशि के जातकों को शनि के बीज मंत्र का जप, चंद्र के बीज मंत्र का जप, सुंदर कांड और श्री हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। नहीं तो चंद्र ग्रहण मकर राशि के जातकों को शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान करेगा। शनि और चंद्रमा के युति से क्रोध और मानसिक व्यथा आती है। धन हानि की भी आशंका मकर राशि वालों को है।
कुंभ राशि : इस राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का असर कुछ ज्यादा ही खराब हो सकता है। साथ ही स्वास्थ्य में परेशानी आ सकती है। मानसिक चिंता रहेगी। श्री हनुमान जी की उपासना और सुंदरकांड का पाठ करने से कष्ट कटेंगे।
मीन राशि : मीन राशि के जातक लाभ में रहेंगे लेकिन चंद्र ग्रहण के असर के चलते उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए मीन राशि के जातकों को श्री विष्णु उपासना करना चाहिए।
क्या होता है ब्लडमून | CHANDRA GRAHAN: FULL GUIDELINE, SUTAK KAL
चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया की वजह से धरती से चांद काला दिखाई देता है। 27 जुलाई तारीख को इसी चंद्रग्रहण के दौरान कुछ सेकेंड के लिए चांद पूरी तरह लाल भी दिखाई देगा। इसे ब्लड मून कहते हैं। बताया जाता है कि जब सूर्य की रोशनी छितराकर होकर चांद तक पहुंचती है तो परावर्तन के नियम के अनुसार हमें कोई भी वस्तु उस रंग की दिखती है जिससे प्रकाश की किरणें टकरा कर हमारी आंखों तक पहुंचती है। यही वजह है हमें चंद्रमा लाल दिखता है और इसी को हम सब ब्लड मून कहते हैं।
चंद्रग्रहण काल में क्या करें | CHANDRA GRAHAN: WHAT TO DO
ग्रहण के सूतक तथा ग्रहण काल में स्वयं के कल्याणकारी इच्छाओं के पूर्ति हेतू स्नान, ध्यान, दान, मन्त्र, स्तोत्र-पाठ, मंत्रसिद्धि, तीर्थस्नान, हवन-कीर्तन इत्यादि कार्यो का सम्पादन करना चाहिए। उपर्युक्त कार्यो के करने से बाधाओं की निवृत्ति एवं सुख की प्राप्ति होती है।
चंद्रग्रहण काल में क्या करें | CHANDRA GRAHAN: WHAT NOT TO DO
ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए।
घर में रखा हुआ खाना या पेय पदार्थ पुनः उपयोग करने लायक नहीं होता है।
सूतक से पहले ही यदि सभी भोज्य पदार्थ यथा दूध दही चटनी आचार आदि में कुश रख देते है तो यह भोजन दूषित नहीं होता है और आप पुनः इसको उपयोग में ला सकते है।
झूठ, कपट, डिंग हाँकना आदि कुविचारों से परहेज करना चाहिए।
मन तथा बुद्धि पर पड़ने वाले कुप्रभाव से बचने के लिए जप, ध्यानादि करें।
ग्रहण काल में व्यक्ति को मूर्ति स्पर्श, नाख़ून काटना, बाल काटना अथवा कटवाना, निद्रा मैथुन आदि कार्य नहीं करना चाहिए।
इस काल में स्त्री प्रसंग से नर-नारी दोनों को बचना चाहिए।
इस समय बच्चे, वृद्ध,गर्भवती महिला, एवं रोगी को यथानुकूल खाना अथवा दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है।
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