भोपाल। चुनावी साल में मप्र पंचायत सचिव संगठन ने अब शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चो खोल दिया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिवों ने सरकार का हमेशा साथ दिया है। लेकिन, सरकार ने विसंगति पूर्ण आदेश जारी कर चाहे सातवां वेतनमान का आदेश हो या फिर अनुकंपा नियुक्ति हो, हर मामले में सरकार ने पंचायत सचिवों के साथ धोखा किया है।
उन्होंने कहा कि 'मैं पंचायत सचिवों के साथ धोखा और उपेक्षा किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं और न मेरे प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिव स्वीकार करेंगे। आज पंचायत सचिवों को सातवें वेतनमान से वंचित किया गया है। धारा 92 लगाकर अंधा कानून चलाया जा रहा है। इन सारी चीजों को लेकर 13 सूत्रीय मांगों को लेकर हम एकजुट होकर आंदोलन का आगाज कर रहे हैं।
दिनेश शर्मा ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति में मेरे मृत पंचायत सचिवों को जो एक लाख रूपए राशि दी गयी थी, वो वसूलने का फरमान जारी किया गया है, जिसकी शर्त पर नौकरी दी जाएगी। वहीं उन्होंने कहा कि, 'मैं कहता हूं लाशों को दिए गए पैसों को वसूल करना सरकार का निदंनीय कृत्य है, मैं इसकी भर्त्सना करता हूं।'
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सात अगस्त तक हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो 9 अगस्त से पंचायत सचिव भोपाल की सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष ने अपने निलंबन को लेकर कहा कि निलंबन मेरे खिलाफ राजनीतिक रूप से होती है। आए दिन लोग मेरे साथ सरकार और उनसे जुड़े लोग करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से संघर्ष करूंगा।
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