सावन का महीना बस शुरू होने ही वाला है। गुरूपूर्णिमा के दूसरे दिन से हिंदुओं का पवित्र श्रावण मास शुरू हो जाएगा। भगवान शिव को खुश करने के लिए भक्तों ने प्रयास करने भी शुरू कर दिए हैं। शास्त्रों के मुताबिक, सावन के महीने में व्रत तीन तरह के होते हैं। पहला सावन का सोमवार, दूसरा सोलह सोमवार और तीसरा सोम प्रदोष। इस बार सावन का महीना 28 जुलाई से शुरू हो रहा है, इसलिए सावन के महीने का पहला सोमवार 30 जुलाई को होगा।
धार्मिक मान्यता अनुसार, सावन के महीने में तीनों व्रतों की पूजा एक समान ही होती है। सावन के व्रत और कथा के बारे में तो लगभग हर कोई जानकारी रखता है, लेकिन इस दौरान खान-पान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में जानकारी कम ही लोगों को होती है। तो आइए जानते हैं कि सावन में किन सब्जियों को खाने से बचना चाहिए।
जहरीली हो जातीं हैं हरी पत्तेदार सब्जियां
सावन में हरे रंग का खास महत्व है, लेकिन इस दौरान हरि पत्तेदार सब्जियां खाना मना होता है। कहा जाता है कि हरि पत्तेदार सब्जियां शरीर में वात को बढ़ाती हैं, इसलिए इन्हें खाने से बचना चाहिए। वहीं, इसका अगर वैज्ञानिक कारण देखा जाए तो सावन का महीना बारिश का होता है और पत्तेदार सब्जियों में कीड़े मिलते हैं, इसलिए इनके सेवन से लोगों को बचना चाहिए।
अशुद्ध हो जाता है बैंगन
बैंगन की सब्जी बेशक से लोगों की जुबान को भाती हो, लेकिन सावन के महीने में इसे खाने की मनाही होती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, बैंगन को अशुद्ध माना जाता है, इसलिए सावन के महीने में इसे खाने की मनाही होती है।
दूध, दही और पनीर
दूध, दही, पनीर समेत कच्चा दूध के सेवन की सावन में मनाही होती है। श्रावण मास में गाय भैंसों से जो दूध निकलता है, वो दूषित होता है। उसमें कई तरह के वायरल होते हैं अत: इसका सेवन मना किया गया है। कम से कम छोटे बच्चों और रोगियों को तो यह कतई नहीं देना चाहिए। इसीलिए श्रावण मास में शिवलिंग पर दूध अर्पित करने का विधान बताया गया है।
कढ़ी भी नुक्सानदायक हो जाती है
सावन के दौरान कढ़ी भी खाने की मनाही होती है। कहा जाता है कि कढ़ी में प्याज और दूध से बनने वाली ही का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए।
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