भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में 2006 से लेकर 4 अक्टूबर 2013 तक ली गई फीस उम्मीदवारों को वापस करने की मांग की है। कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि आपकी सरकार ने 4 अक्टूबर, 2013 को व्यापमं की परीक्षा से संबंधित नियम और उपनियम लागू किया था। इसका प्रकाशन राजपत्र में भी किया गया था। इसके अनुसार विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क में छूट दी गई थी।
कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि इन नियमों के प्रकाशन के पूर्व इस तरह का परीक्षा शुल्क बेरोजगारों से वसूला जाना नियम के अनुकूल नहीं था। मध्यप्रदेश विधानसभा में भी सरकार ने विभिन्न प्रश्नों के उत्तर में सदस्यों को जानकारी दी थी कि बेरोजगारों से परीक्षाओं के लिए तीन सौ पचास करोड़ रूपयों से अधिक राशि परीक्षा शुल्क के रूप में वसूली गई है। कमलनाथ ने कहा कि यहां तक कि अनुसूचित जाति एवं जन जाति के परीक्षार्थियों से भी अनियमित वसूली की गई है जो आश्चर्यजनक है।
श्री नाथ ने पत्र में यह भी लिखा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी इस अवैधानिक वसूली को उचित नहीं मानती है। कांग्रेस पार्टी आपसे मांग करती है कि सरकार अवैध रूप से वसूले गये इस परीक्षा शुल्क को सभी बेरोजगारों और विद्यार्थियों को तत्काल वापस लौटाये। यह सरकार का दायित्व है। कमलनाथ ने शिवराज सिंह को सुलभ संदर्भ के लिये विधानसभा में सदस्यों को उपलब्ध करायी गयी कुछ परीक्षाओं की सूची भी पत्र के साथ संलग्न की है। उन्होंने लिखा है कि लाखों नौजवानों के साथ न्याय किया जाये। अवैधानिक रूप से संकलित किये गये शुल्क के प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही की जाये। ऐसा न होने पर कांगे्रस पार्टी बेरोजगार युवाओं को न्याय दिलाने के लिए उनके पक्ष में आंदोलन करने के लिए विवश होगी।
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