प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा 28-29 जुलाई को ग्रुप-4 कि परीक्षा आयोजित करवायी जाने की तैयारी है जिसमें छात्र पूरे परिश्रम से जुटे हैं। इन कठोर परिश्रमी छात्रों को इस बात का डर सता रहा है कि जो घांधली 2016 दिसंबर में हुई थी, इस बार भी न हो जाए। समस्या इस प्रकार है: 5-6 विभागों को छोड़कर सभी में सीपीसीटी का सर्टिफिकेट मांगा है लेकिन कुछ ने उसके लिये सर्टिफिकेट नंबर फिल करवाना जरुरी नही समझा। इसी तरह दिसंबर 2016 की भर्ती में हुआ था। जिसमें हुआ ये था कि लोगों ने उस तारीख तक मेप आईटी के सीपीसीटी प्रमाणपत्र न होने की स्थिति में भी हां करके फॉर्म आगे बड़ा दिया था। जिससे उनका किसी विभाग मे चयन हो जाने की स्थिति में परिक्षा के तुरंत बाद मेंं उनने सीपीसीटी कर लिया और डोक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय अधिकारियों से पैसे खा कर उन्हें नियुक्ति थमा दी थी।
जिसकी न्यूज कुछ दिन पहले ही समाचार पत्रों ने छापी भी थी। जो लोग गलत तरीके से भर्ती हुये थे। क्योंकि फॉर्म फिल करने की तारीख तक आपके पास सीपीसीटी होना चाहिए था। इसी प्रकार 2018 की भर्ती में भी लाखों की तादात में फॉर्म डालें। हमारी कई ऐंसे लोगो से बात हुई जिन्होंने 12TH वाली पोस्ट को पहले Preference देकर बाद में सीपीसीटी की पोस्ट भी डाल दी, इससे जो मेहनत करके सीपीसीटी किए हैं। जो जी जान से तैयारी में लगे हैं उनके साथ धोखा हो सकता है।
WHAT PEB CAN DO:-
इस परिस्थिति में PEB के चाहिए कि वो ऐंसे लोगों से निपटने के लिए प्रवेश पत्र में 1 अनिवार्य निर्देश जोड़ें। जिसमें हो कि जिसमें सीपीसीटी या जो योग्यता फिल की हो उसकी कॉपी अपने साथ लावें। इसके लिये ADMIT CARD पर भी फार्म अनुसार अंकित हो। जिससे कि इनविगिलेटर चेक कर सके और उन्हें द्वार से चलता करे अन्यथा अभी तो विद्यार्थी तैयारी में लगे है। परीक्षा के बड़े स्तर पर मुद्दा उठाने की तैयारी है। व्यापमं को चाहिए की समय पर उचित कदम उठाले जिससे परीक्षा परिणाम प्रभावित न हो।
बता दें कि power corporation में जो भर्ती निकलती है उसमें पहले ही सर्टिफिकेट नं मांग लेता है। तो क्या विद्यार्थी ये समझे कि व्यापमं स्वयं ऐसी चीजों को बड़ावा देती है। जबकि सब कुछ उनके हाथ में है।
धन्यवाद (रवि धाकड़)
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