नई दिल्ली। यदि आप भी एटीएम कार्ड का यूज करते हैं तो कृपया इस खबर को ध्यान पूर्वक पढ़ें। कृपया अपने एटीएम कार्ड की जांच करें। यदि उसमें मैग्नेटिक स्ट्राइप है तो अपने बैंक से कहें कि वो इसे जल्दी से रिप्लेस कर दे क्योंकि मैग्नेटिक स्ट्राइप वाले कार्ड को बैंक बंद करने जा रहे हैं। इनकी जगह चिप वाले कार्ड ही इस्तेमाल कर सकते हैं। देश में इस वक्त दो तरह के एटीएम कार्ड मौजूद हैं। पहला कार्ड मैग्नेटिक स्ट्राइप वाला और दूसरा चिप वाला कार्ड। लेकिन, अब बैंक मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड बंद कर दिए जाएंगे। चिप वाले कार्ड से इन्हें रिप्लेस कर दिया जाएगा। RBI के आदेश के अनुसार ऐसा किया जा रहा है। कार्ड रिप्लेस की डेडलाइन दिसंबर 2018 है। RBI ने यह कदम ग्राहकों के एटीएम-डेबिट व क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स सिक्योर रखने के लिए उठाया है।
पुरानी टेक्नोलॉजी है मैग्नेटिक स्ट्राइप
आरबीआई के मुताबिक, मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड अब पुरानी टेक्नोलॉजी हो चुकी है। ऐसा कार्ड्स बनाना भी बंद कर दिया गया है। दरअसल, यह कार्ड्स पूरी तरह सिक्योर नहीं थे। यही वजह है कि इन्हें बंद किया गया। इनकी जगह EMV चिप कार्ड को तैयार किया गया है। सभी पुराने कार्ड्स को नए चिप कार्ड्स से बदला जाएगा।
2016 में RBI ने दिया था आदेश
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2016 में सभी बैंकों को आदेश दे दिया था कि ग्राहकों के साधारण मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड्स को चिप वाले कार्ड से रिप्लेस किया जाए। इसकी डेडलाइन दिसंबर 2018 तय की गई है। यही वजह है कि बैंक अब सिर्फ चिप वाले एटीएम कार्ड और डेबिट कार्ड जारी कर रहे हैं। ग्राहकों को इस बाबत सूचना दी गई है कि पुराने कार्ड को रिप्लेस कर लें।
नहीं लगेगी कोई फीस
अगर आप SBI के ग्राहक हैं तो आपके लिए जरूरी है कि जल्द ही अपना कार्ड बदल लें, क्योंकि, SBI मैग्नेटिक स्ट्राइप एटीएम को ब्लॉक कर रहा है। बैंक अपने ग्राहकों के लिए पुराने मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड को चिप वाले कार्ड से रिप्लेस करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर चुका है। बैंक चिप वाले कार्ड्स के लिए कोई अलग से चार्ज नहीं ले रहे हैं। इसे बिल्कुल फ्री ऑफ कॉस्ट रखा गया है। हालांकि, कार्ड को तभी ब्लॉक किया जाएगा, जब उसकी एक्सपायरी डेट आने वाली हो।
क्या है दोनों कार्ड्स में अंतर
मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड से ट्रांजैक्शन के लिए कार्डहोल्डर के सिग्नेचर या पिन की जरूरत होती है। इस पर आपके अकांउट की डिटेल्स मौजूद होती है। इसी स्ट्राइप की मदद से कार्ड स्वाइप के वक्त मशीन आपके बैंक इंटरफेस से जुड़ती है और प्रोसेस आगे बढ़ता है। वहीं, चिप वाले कार्ड में सारी इन्फॉरमेशन चिप में मौजूद होती है। इनमें भी ट्रांजैक्शन के लिए पिन और सिग्नेचर जरूरी होते हैं लेकिन, ईएमवी चिप कार्ड में ट्रांजैक्शन के वक्त यूजर को ऑथेंटिकेट करने के लिए एक यूनीक ट्रांजैक्शन कोड जनरेट होता है, जो वेरिफिकेशन को सपोर्ट करता है। ऐसा मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड में नहीं होता।
चिप वाले कार्ड हैं ज्यादा सिक्योर
चिप वाले कार्ड ज्यादा सिक्योर हैं। इसमें डाटा चोरी होने की आशंका नहीं है। क्योंकि, उपभोक्ता की डिटेल चिप में होती है। इसे कॉपी नहीं किया जा सकता। चिप वाले कार्ड में हर ट्रांजैक्शन के लिए एक इनक्रिप्टेड कोड जारी होता है। इस कोड में सेंध लगाना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए ये कार्ड ज्यादा सेफ हैं। मैग्नेटिक स्ट्राइप वाले कार्ड से डाटा कॉपी करना आसान है। स्ट्राइप पर दिए गए डाटा को कॉपी करके नकली कार्ड बनाना काफी आसान है. यही वजह है कि इस तरह के एटीएम बंद करके आरबीआई लोगों की डिटेल्स और पैसे को सुरक्षित बना रहा है।
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