दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी पर पूछे एक सवाल के जवाब में कहा कि मर्सिडीज और दूध पर एक जैसा टैक्स नहीं लगाया जा सकता। एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस के हमारे दोस्त ये कहते हैं कि वे एक समान जीएसटी टैक्स लाएंगे, तो इसका मतलब ये है कि वे खाने-पीने की और दूसरी चीजों पर भी 18 फीसदी टैक्स लगाएंगे, जबकि ये चीजें अभी 0 से 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में हैं। मोदी ने जीएसटी लागू होने की वर्षगांठ से एक दिन पहले शनिवार को एक मैगजीन को करीब 45 मिनट का इंटरव्यू दिया। उनसे सवाल पूछा गया कि आपने एक साल पहले ये कहकर जीएसटी लागू किया था कि ये अच्छा और साधारण टैक्स है। लेकिन, आलोचकों का कहना है कि ये बेहद पेचीदा है। वे ये भी कहते हैं कि वास्तव में इसमें एक जैसा टैक्स स्लैब होना चाहिए?
PM Modi told Why GST rates are uneven
मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि एक ही जैसा टैक्स स्लैब रखना बेहद आसान है। लेकिन, तब हम खाने की चीजों को शून्य फीसदी वाले टैक्स स्लैब में नहीं रख पाते। उन्होंने कहा कि क्या हम दूध और मर्सिडीज को एक ही जैसे टैक्स स्लैब में रख सकते हैं? प्रधानमंत्री ने जीएसटी के फायदे गिनाते हुए कहा, "आजादी के बाद से अब तक नए उद्योगों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 66 लाख है, जबकि जीएसटी लागू होने के एक साल के भीतर ही 48 लाख नए उद्योग रजिस्टर्ड हुए हैं।
जीएसटी के कारण 350 करोड़ बिल और 11 करोड़ आयकर रिटर्न फाइल किए गए हैं। पूरे देश में चेकपोस्ट हट गए हैं और राज्यों की सीमाओं पर अब वाहनों की कतारें नहीं लगती हैं, ट्रक ड्राइवरों का कीमती समय भी बच रहा है। संचालन तंत्र तेजी से बढ़ा है और इसी के साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है। अगर जीएसटी इतना ही पेचीदा होता तो क्या हमें इस तरह के नंबर हासिल हो सकते थे?" मोदी ने ट्वीट करके भी जीएसटी की तारीफ की। उन्होंने कहा, "जीएसटी विकास, पारदर्शिता और सरलता लेकर आया। व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बना। उत्पादन बढ़ा, छोटे और मध्यम उद्योगों को फायदा पहुंचा।
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