भोपाल। और अध्यापकों महत्वपूर्ण सोमवार भी गुजर गया। सारे दिन अध्यापक कभी टीवी तो कभी भोपाल समाचार डॉट कॉम को निहारते रहे। पूरी उम्मीद थी कि इस बार तो कोई कोताही नहीं होगी। चुनाव सिर पर आ गए हैं। सीएम शिवराज सिंह करीब 3 लाख अध्यापकों को नाराज नहीं करेंगे परंतु यह दिन भी गुजर गया। सुबह उम्मीद के साथ उठे, दोपहर तक खबर नहीं आई तो सोचा लंच के बाद आदेश जारी होगा। शाम 4 बजे भी यह सोचते रहे कि शाम 7 बजे तक जारी हो जाएगा। भोपाल के आॅफिस कभी कभी 7 बजे तक भी खुले रह जाते हैं लेकिन...।
शनिवार को मिला था आश्वासन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बड़वानी पहुंची जनआशीर्वाद यात्रा के दाैरान प्रदेश के लगभग 2.37 लाख अध्यापकों के स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन के आदेश सोमवार को जारी करने घोषणा की थी। कहा गया था कि संविलियन होते ही अध्यापकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिल जाएगा। इन्हें 7वां वेतनमान भी मिलेगा। इससे एक अध्यापक को हर महीने 5 से 8 हजार रुपए तक का फायदा भी होगा। मुख्यमंत्री ने 21 जनवरी को सीएम हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में संविलियन की घोषणा की थी। इसके बाद 29 मई को कैबिनेट ने इस पर फैसला लिया था। तभी से अध्यापक संविलियन आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
अध्यापक समाज में सन्नाटा
सोशल मीडिया पर अध्यापकों की चहचहाट लगभग हर मुद्दे पर देखने को मिल जाती है। कोई इधर तो कोई उधर। आरोप प्रत्यारोप तो कभी आपस में ही गुत्थमगुत्थी। कभी आंदोलन का आह्वान तो कभी आंदोलन का ऐलान। सारे रंग दिखाई देते हैं परंतु आज सोशल मीडिया पर सन्नाटा है। आज तो कोई यह भी नहीं कह रहा कि 'मैने पहले ही कहा था...' पूरा अध्यापक समाज चुप है। जैसे इंतजार कर रहा है। उबल रहा है या शायद कोई फैसला कर बैठा है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com