भिण्ड। सीएम शिवराज सिंह चौहान सभी जरूरी कामकाज छोड़कर जनता से आशीर्वाद मांगने निकले हैं। प्रशासनिक अमला भी सारी जिम्मेदारियां भुलाकर यात्रा के बंदोबस्त में लगा हुआ है। हालात यह हैं कि कलेक्टर समेत तमाम अधिकारी इस बात का भी ध्यान नहीं दे रहे कि सीएम की यात्रा के लिए की जाने वाली तैयारियों से कहीं आमजन को जान का जोखिम तो नहीं हो रहा। यहां यात्रा की तैयारियों के कारण भिंड से ग्वालियर की तरफ जाने वाला मुख्य रास्ता ही बंद कर दिया गया। इसी कारण एक ऐंबुलेंस समय पर शहर से बाहर नहीं निकल पाई और उसमें मौजूद 18 वर्षीय बीमार युवक विश्वनाथ प्रताप सिंह तड़प तड़पकर मर गया।
गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उनका बेटा विश्वनाथ प्रताप गुरुवार रात नौ बजे अचानक बीमार हो गया। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले गए जहां से उसे ग्वालियर रैफर किया गया। रात करीब साढ़े नौ बजे वे एंबुलेंस से अपने बेटे को जेएएच में भर्ती कराने निकले थे लेकिन सीएम की यात्रा के लिए चल रही तैयारियों के चलते बस स्टैण्ड की तरफ जाम के हालत होने पर एंबुलेंस नहीं निकल पाई।
भिंड शहर से बाहर जाने वाले सभी रास्ते बंद मिले
चालक को जब रोड पर भीड़ नजर आई तो उसने रास्ता बदलते हुए वाहन को परेड चौराहा, हनुमान बजरिया, हाट बाजार होते हुए लहारचुंगी से निकलना चाहा तो चौधरी राकेश सिंह तिराहे पर सड़क निर्माणाधीन होने के कारण एंबुलेंस नहीं निकल पाई। जब चालक ने वाहन को भूरा वाली मठी होते हुए निकालना चाहा तो वहां सीवरलाइन के लिए खुदी सड़क पर पानी भरा होने के कारण रास्ता अवरुद्ध मिला। अंतत: एक घंटे बाद पुरानी बस्ती होते हुए एंबुलेंस को आवासीय इलाके से निकालकर बायपास पर पहुंचाया लेकिन तब तक एक घंटा बीत गया था।
समय पर इलाज मिल जाता तो विश्वनाथ जिंदा होता
गजेंद्र सिंह की मानें तो उनके बेटे को अगर समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। जिला अस्पताल से एंबुलेंस साढ़े नौ बजे रवाना हो गई थी लेकिन शहर से बाहर 10:55 पर हो पाई। ऐसे में यदि समय बर्बाद नहीं होता तो 55 मिनट पहले एंबुलेंस ग्वालियर पहुंच जाती जहां उसके बेटे को समय पर इलाज मिलना शुरू हो जाता।
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