भोपाल। भारी बारिश और खराब मौसम के बीच संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले धरना प्रदर्शन जारी है। पिछले 4 दिन से अतिथि शिक्षक राजधानी में डटे हुए हैं। इसके अलावा पूरे मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन एवं रैलियां निकाली जा रहीं हैं लेकिन चुनावी माहौल में वोट की तलाश में निकली सरकार ने अब तक उनकी तरफ देखा भी नहीं। हालात यह हैं कि बारिश की स्थिति में भी अतिथि शिक्षकों का धरना जारी है। सोशल मीडिया पर अतिथि शिक्षकों का गुस्सा साफ नजर आ रहा है।
अपने अपने तरीके से गुस्सा जता रहे हैं अतिथि शिक्षक
सीएम शिवराज सिंह से नाराज अतिथि शिक्षक अपने अपने तरीके से गुस्सा जता रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अतिथि शिक्षकों ने दीवार लेखन किया है। इसमें शिवराज सरकार विरोधी नारे हैं। 'हमारी भूल कमल का फूल' के अलावा भी कई ऐसे नारे और अपीलें लिखीं जा रहीं हैं जो निश्चित रूप से ग्रामीणों को आंदोलित कर सकतीं हैं। बता दें कि पूरे प्रदेश में 80 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक गुस्से में हैं।
सीएम शिवराज सिंह से नाराज अतिथि शिक्षक अपने अपने तरीके से गुस्सा जता रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अतिथि शिक्षकों ने दीवार लेखन किया है। इसमें शिवराज सरकार विरोधी नारे हैं। 'हमारी भूल कमल का फूल' के अलावा भी कई ऐसे नारे और अपीलें लिखीं जा रहीं हैं जो निश्चित रूप से ग्रामीणों को आंदोलित कर सकतीं हैं। बता दें कि पूरे प्रदेश में 80 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक गुस्से में हैं।
अतिथि शिक्षकों ने पिछले साल भी जबर्दस्त प्रदर्शन किया था। हालात यह थे कि हर हाल में मधुर वचन बोलने वाले सीएम शिवराज सिंह भी कई बार आपा खो चुके थे। उन्होंने भरे मंच से अतिथि शिक्षकों को धमकी तक दे दी थी कि यदि उनके प्रदर्शन बंद नहीं हुए तो अच्छा नहीं होगा। दरअसल, सीएम शिवराज सिंह मध्यप्रदेश में जहां भी जाते थे, अतिथि शिक्षक चुपचाप भीड़ में शामिल हो जाते थे और मंच से भाषण शुरू होते ही अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाने लगते थे। सीएम शिवराज सिंह एक बार फिर जनआशीर्वाद रथ लेकर यात्रा पर निकल रहे हैं। वो सभी 230 विधानसभाओं में जाएंगे।
अतिथि शिक्षकों की मांग है कि मप्र सरकार ऑनलाइन भर्ती तत्काल बंद करे। ऑनलाइन भर्ती में पूर्व में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को लाभ व वरीयता नही दी जा रही है। जिससे अतिथि शिक्षक सरकार के द्वारा जारी किये गये ऑनलाइन भर्ती आदेश से संतुष्ट नही है। पूर्व में कार्यरत अनुभवी अतिथि शिक्षको को ऑनलाइन भर्ती में वरीयता दी जानी चाहिए। तीन दिन में ऑनलाइन भर्ती बंद नही हुई तो प्रदेश के प्रत्येक जिले व ब्लॉक स्तर पर अतिथि शिक्षक आमरण अनशन करेगें जिसकर संपूर्ण जवाबदारी प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान की होगी।
भोपाल में ये बैठे है अनश्न पर
प्रांतीय अध्यक्ष मनोज मिश्रा, मीडिया प्रभारी मनोज सक्सेना, महामंत्री अजय पाल रठौर, कोषाध्यक्ष सादिक खान, मुकेश रघुवंशी, ब्रजेश आचार्य, रामबाबू मालवीय, अनिल शर्मा, घासीराम रजक, राजू मीना, नरेन्द्र परिहार, अवधेश दीक्षित, अजय बुधोलिया, सतीश शर्मा, बीएम खान, धीरज सिंह भदौरिया, पन्नालाल लोधी, महेश भूरिया, अवधनारायण गुर्जर आदि शामिल है।
ये है मांगे-
1- नियमितीकरण अथवा 12 माह का सेवाकाल और बढा हुआ मानदेय
2- आनलाईन भर्ती प्रक्रिया माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश अनुसार तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाये।
3- पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को निरंतर रुप से कार्य करने के अवसर 2918-19 में भी दिये जाये।
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भोपाल में ये बैठे है अनश्न पर
प्रांतीय अध्यक्ष मनोज मिश्रा, मीडिया प्रभारी मनोज सक्सेना, महामंत्री अजय पाल रठौर, कोषाध्यक्ष सादिक खान, मुकेश रघुवंशी, ब्रजेश आचार्य, रामबाबू मालवीय, अनिल शर्मा, घासीराम रजक, राजू मीना, नरेन्द्र परिहार, अवधेश दीक्षित, अजय बुधोलिया, सतीश शर्मा, बीएम खान, धीरज सिंह भदौरिया, पन्नालाल लोधी, महेश भूरिया, अवधनारायण गुर्जर आदि शामिल है।
ये है मांगे-
1- नियमितीकरण अथवा 12 माह का सेवाकाल और बढा हुआ मानदेय
2- आनलाईन भर्ती प्रक्रिया माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश अनुसार तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाये।
3- पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को निरंतर रुप से कार्य करने के अवसर 2918-19 में भी दिये जाये।
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