भोपाल। मप्र पर्यटन विकास निगम (MADHYA PRADESH TOURISM CORPORATION) का एक अधिकारी गोपाल शिवहरे (GOPAL SHIVHARE) रिश्वतखोर प्रमाणित हो गया है। कोर्ट ने उसे 4 साल की जेल की सजा सुनाई है। गोपाल शिवहरे पर आरोप था कि उसने अपने विभाग के एक अधिकारी प्रवीण दुबे के खिलाफ चल रही विभागीय जांच को रफा-दफा करने के लिए 1 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। प्रवीण ने इसकी शिकायत लोकायुक्त को कर दी और गोपाल शिवहरे को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। कोर्ट में उसका गुनाह प्रमाणित हुआ एवं सजा सुनाई गई। लोकायुक्त ने इस मामले में जांच अधिकारी अपर सचिव टीआर टोंक को भी आरोपित किया था परंतु वो निर्दोष पाए गए।
बुधवार को विशेष न्यायाधीश संजीव पांडे ने यह फैसला सुनाया। अदालत में इस मामले के सहआरोपी टीआर टोंक को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया। सरकारी वकील विवेक गौड़ ने बताया कि फरियादी प्रवीण दुबे ने लोकायुक्त संगठन में शिकायत की थी। इसमें बताया था कि उसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी। इसमें शिवहरे एवं सेवानिवृत्त अपर सचिव टोंक को जांच अधिकारी बनाया था। शिवहरे जांच निपटाने के लिए 1 लाख की मांग कर रहा है। लोकायुक्त टीम ने 12 जुलाई 2014 को शिवहरे को 25 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
बता दें कि शिकायतकर्ता प्रवीण दुबे मप्र पर्यटन विकास निगम में स्वागत अधिकारी हैं एवं आरोपी गोपाल शिवहरे भी होटल पलाश में स्वागत आधिकारी है। इस विभागीय जांच में गोपाल शिवहरे प्रस्तुतकर्ता अधिकारी था। रिश्वत की रकम होटल अशोका लेक व्यू में वसूली गई थी जहां लोकायुक्त पुलिस ने रेड करके उसे गिरफ्तार किया।
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