शरद शर्मा/रायसेन/गैरतगंज। तहसील क्षेत्र सहित भोपाल सागर मुख्य सड़क मार्ग से अपनी यात्रा करने वाले यात्रियों को बीनापुर ग्राम के पास स्थित कहुला पुल अभिशाप बनकर सामने आ रहा है। लगभग 7 वर्षो से अधूरी अवस्था मे पड़े इस पुल को बनाने की ओर शासन प्रशासन का कोई ध्यान नही है। वही इस पुल को बनाने वाला ठेकेदार कार्य को लंबित अवस्था मे छोड़कर गायब है। शुक्रवार को सुबह से हुई तेज़ बारिश ने एक बार फिर आवागमन बाधित कर दिया। जिससे भोपाल सागर मार्ग के यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करते देखा गया।
वनमंत्री एवं लोनिवि मंत्री ने 6 माह में कार्य पूर्ण कराने का दिया था आश्वासन
कहुला पुल के टूटने के 6 वर्ष बाद जैसे तैसे पुल के निर्माण के लिए लोनिवि ने करोड़ो की लागत से टेंडर पास किये। और कार्य प्रारंभ से पहले दिसंबर 2016 में वनमंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार एवं लोनिवि मंत्री रामपाल सिंह राजपूत ने कार्य के शुभारंभ कार्यक्रम में पहुंचे। जहां बड़ी संख्या में आमजनो को बुलाया गया। और दोनों ही मंत्रियों ने खुशी जाहिर करते हुए ठेकेदार से जून 2017 तक कार्य पूर्ण करने का आश्वासन लिया। पर ठेकेदार ने मंत्रियों को झूठा आश्वासन दिया। और 18 माह में पुल का निर्माण 10 प्रतिशत भी नही हो सका।
मध्यप्रदेश शासन के 2 मंत्रियों की मौजूदगी में ठेकेदार द्वारा दिया गया आश्वासन की उस समय पूरे क्षेत्र में चर्चा हुई। पर निर्माण नही होने से क्षेत्र के लोगो में अब गहरा आक्रोश व्याप्त है। गौरतलब है कि वर्तमान में सड़क पर टोल टैक्स बसूली के लिए तैनात कंपनी ने अस्थाई पुल का निर्माण आवागमन के लिए कराया था। जो टूटे पुल से काफी नीचे है। थोड़ी ही बारिश में यह पल जलमग्न होकर रास्ता बाधित करता है। और कई कई घंटे सड़क को बंद कर देता है।
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