सतना। मनमानी की हद हो गई। ये पद के दुरुपयोग और निर्बल नागरिकों पर प्रताड़ना का केस है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के स्वागत में प्राइमरी के बच्चों को खड़ा कर दिया गया, वो भी भरी बरसात में। इतना ही नहीं बारिश के कारण सीएम की सभा में पर्याप्त भीड़ नहीं आ पाई तो स्कूलों की छुट्टी कराकर उसे मंच के सामने बिठा दिया गया। संवेदनशीलता का लबादा ओढ़े सीएम शिवराज सिंह ने भी आपत्ति नहीं जताई और मासूमों को अपने भाषण की घुट्टी पिला दी।
मामला सतना जिले के मैहर का है। सीएम शिवराज सिंह यहां जनता का आशीर्वाद लेने आए हैं। उनकी जन आशीर्वाद यात्रा का यह दूसरा चरण है। रथ यात्रा में भारी भीड़ उमड़ रही है। मैहर में भी यात्रा के दौरान एतिहासिक भीड़ थी परंतु तेज बारिश के कारण सभा स्थल पर भीड़ कुछ कम थी। इसलिए स्कूलों की छुट्टी कराकर बच्चों को मंच के सामने बिठा दिया गया। एक तस्वीर सामने आई है जिसमे सभा स्थल में आगे पंडाल के नीचे रखी कुर्सियों पर कई स्कूली बच्चे बैठे हैं। वहीं एक तस्वीर में सीएम के काफिले का स्वागत के लिए प्राइमरी के मासूम बच्चे बरसते पानी में सड़क किनारे कतार बनाकर खड़े हुए हैं।
सवाल यह है कि यह सबकुछ किसके आदेश पर किया गया। कौन सा कानून है जो प्राइमरी के बच्चों का इस तरह से उपयोग करने की इजाजत देता है। क्या बाल आयोग इसका संज्ञान लेगा और सबसे बड़ा सवाल यह कि सीएम शिवराज सिंह ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं उठाई। सभा शुरू करने से पहले मासूमों को बरसते पानी से क्यों नहीं हटाया। उस अधिकारी को सस्पेंड क्यों नहीं कर दिया जिसने चापलूसी के लिए स्कूली बच्चों को भीड़ बनाकर खड़ा कर दिया। सतना में कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी है या भाजपा का जिलाध्यक्ष और लास्ट सवाल यह कि कांग्रेस के दिग्गज बच्चों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेंगे या ट्वीट करके राजनीति ही करते रहेंगे।
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