भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार अपने नागरिकों को बेहतर प्रशासन देने में पूरी तरह से बिफल प्रमाणित हुई है। देश के तमाम राज्यों में सबसे निचले स्तर पर बिहार का नाम दर्ज है, , आम नागरिकों के शोषण के लिए बिहार पहले से ही बदनाम है और अब मध्यप्रदेश का प्रशासन भी बिहार जैसा घटिया हो गया है। Public Affairs Index (PAI) 2018 के अनुसार केरल नंबर 1 पर है जहां की प्रशासनिक व्यवस्थाएं आम नागरिकों को राहत देतीं हैं और बिहार व मध्यप्रदेश सबसे नीचे दर्ज हैं जहां के सरकारी दफ्तरों में आम नागरिकों को सबसे ज्यादा परेशानियों को सामना करना पड़ता है।
प्लानिंग अफेयर्स सेंटर (पीएसी) थिंक टैंक ने पब्लिक अफैयर्स इंडेक्स 2018 की एक लिस्ट जारी की है। बेस्ट गवर्नेंस (आम नागरिकों के लिए सबसे अच्छा प्रशासन) की इस रिपोर्ट में केरल के बाद तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, और गुजरात टॉप 5 में शामिल है। वहीं, छोटे राज्यो में देखा जाए तो हिमाचल प्रदेश टॉप पर है और उसके बाद गोवा, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा का बेस्ट गवर्नेंस स्टेट साबित हुए है। इस रिपोर्ट में मध्य प्रदेश, झारखंड और बिहार की स्थिति को सबसे बदतर बताया गया है, जहां सबसे ज्यादा सामाजिक और आर्थिक असमानताएं देखी गई है। देश के ये तीन आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से बड़े राज्य बेस्ट गवर्नेंस के मामले में सबसे निचले पायदान पर है।
इस मौके पर पीएसी के अध्यक्ष के कस्तुरिरंगन ने कहा कि बढ़ती आबादी वाला एक युवा देश के रूप में भारत को अपनी विकास संबंधी चुनौतियों का आकलन और पता लगाने की जरूरत है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष कस्तुरिरंगन ने कहा, 'पीएआई 2018 डेटा-आधारित ढांचे का एक उदाहरण है, जो भारत में राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए प्राथमिक आधार पर कुछ आधार प्रदान करता है।'
किस आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट
राज्य में आवश्यक बुनियादी ढांचे कैसे हैं।
राज्य के नागरिकों की विकास दर क्या है।
राज्य में सामाजिक सुरक्षा का स्तर क्या है।
राज्य में महिलाओं की स्थिति एवं सुरक्षा का स्तर क्या है।
रनाज्य में बच्चों की स्थिति एवं सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं।
राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति कैसी है।
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