नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में भाजपा व आरएसएस नेताओं की मायावती से गठबंधन की कोशिशों को बिफल करने के लिए कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के महागठबंधन ने उत्तरप्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 40 देने की पेशकश की है। इसी के साथ महागठबंधन की कोशिश कर रहे नेताओं के सूत्रों ने दावा किया है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सहमति दे दी है परंतु इस संदर्भ में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बता दें कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आ रहे विधानसभा चुनावों में भी बसपा महत्वपूर्ण भूमिका में आ गई है। कांग्रेस किसी भी कीमत पर बसपा का साथ छोड़ने को तैयार नहीं है।
यदि इन खबरों पर भरोसा करें तो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जीतने के लिए उत्तरप्रदेश में कांग्रेस ने सबसे बड़ा समझौता किया है। 80 सीटों वाले उत्तरप्रदेश में कांग्रेस ने केवल 10 प्रतिशत यानि 08 सीटों पर रजामंदी दे दी है जबकि 40 सीटों मायावती को दी गईं हैं। सपा के पास शेष बची 32 सीटें हैं जिनमें से वो राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को भी कुछ सीटें देगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन के रणनीतिकार गोरखपुर-फूलपुर और कैराना लोकसभा उपचुनाव में अपनाई गई रणनीति को आगे ले जाना चाहते हैं। गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में कांग्रेस और बसपा के सहयोग से सपा ने जीत दर्ज की थी। वहीं, कैराना में रालोद का उम्मीदवार चुनाव जीता था। 2014 में इन तीनों सीटों पर भाजपा जीती थी।
मध्यप्रदेश में मायावती ने मांगी 50 सीटें
खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है परंतु उत्तरप्रदेश की मीडिया में खबरें चल रहीं हैं कि मायावती ने मध्यप्रदेश में 230 सीटों में से 50 सीटों की मांग की है जबकि कांग्रेस उसे 22 सीटें देने के मूड में थी। बताया यह भी जा रहा है कि कमलनाथ बसपा को 30 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों के बीच अभी बातचीत जारी है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com