नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2020 से देश में केवल BS-6 वाहन ही मिलेंगे। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से यह बात कही है। सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इप्का से पूछा कि क्या पेट्रोल-डीज़ल BS-3, 4 और 6 के लिए अलग-अलग रंग के स्टीकर जारी किए जा सकते हैं जिससे ये पता चले कि ये कौन सी गाड़ियां हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा भी कि क्या BS-3,4,6 के लिए अलग-अलग नंबर प्लेट होंनी चाहिए ताकि उनकी आसानी से पहचान हो सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि इसकी शुरुआत BS-6 से की जाए।
कोर्ट ने कहा कि BS-6 वाहनों की नंबर प्लेट का अलग रंग हो जिससे इसकी पहचान हो सके। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस सुझाव पर वह काम करेगा और कोर्ट को बताएगा। पेट्रोलियम मिनिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देश भर में एक अप्रैल 2020 से बाजार में केवल BS-6 वाहन ही बिकेंगे। जो गाड़ियां BS-6 नहीं होंगी वे 31 मार्च तक ही बिक सकेंगी। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ये फैसला लिए गया है।
केंद्र सरकार ने कहा कि व्यायसायिक वाहनों और निजी वाहनों के लिए डीज़ल की कीमतों को अलग-अलग नहीं रखा जा सकता. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा दिल्ली में कितनी टैक्सी हैं? ओला, उबर आदि? कोर्ट को बताया गया कि लगभग 68 हज़ार गाड़ियां हैं।
इप्का की तरफ से कहा गया कि दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ज्यादातर CNG है लेकिन निजी वाहनों के साथ ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि दिल्ली के टैक्सी वाले अगर BS-6 गाड़ी लेते हैं तो उन्हें कुछ राहत या लाभ देने पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट 30 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
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