भोपाल। कांग्रेस ने बसपा के साथ अपने गठबंधन की रणनीति बना ली है। हालांकि बहुजन समाज पार्टी या मायावती की ओर से अब तक ऐसे कोई संकेत नहीं आए हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी ने उन्हे गठबंधन को तय मानने का इशारा कर दिया है। आज दिल्ली में कमलनाथ और राहुल गांधी की मुलाकात हुई। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेेस मध्यप्रदेश में बसपा को उन 30 सीटों पर टिकट देना चाहती है जहां से कांग्रेस के जीतने की संभावनाएं शून्य हैं और बसपा का जनाधार अच्छा है। कांग्रेस चाहती है कि इनमें से कम से कम 20 विधायक मिलें।
कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के वर्तमान में 4 विधायक हैं। बसपा का प्रभाव ग्वालियर-चंबल, विंध्य एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों में है और मौजूदा विधायक भी इसी क्षेत्र से आते हैं। बहुजन समाज पार्टी ने सीमावर्ती जिलों में ही 30 सीटें मांगी हैं। दोनों दलों के नेताओं के बीच कई दौर की बैठकों के बाद 26 सीटों पर बसपा राजी होने की उम्मीद है। कमलनाथ के बसपा सुप्रीमो मायावती से अच्छे संबंध है। दोनों के राजनीतिक संबंधों का पता तब चला, जब पिछले साल राज्यसभा चुनाव में मतदान की नौबत आई। जब बसपा के चारों विधायकों के कांग्रेस प्रत्याशी ने विवेक तन्खा के पक्ष में मतदान किया।
कांग्रेस करेगी प्रचार, सर्वे, स्टडी और चयन
बताया जा रहा है कि इस मामले में तय किया जा रहा है कि सभी 230 सीटों पर कांग्रेस चुनाव प्रचार करेगी। जिन 30 या 26 सीटों से बसपा प्रत्याशी लड़ेंगे वहां भी कांग्रेस प्रचार करेगी। केवल प्रत्याशी बसपा के टिकट पर होगा ताकि आम मतदाताओं को यह जताया जा सके कि बसपा ही फ्रंट लाइन में है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इन सीटों पर बसपा के नेता जीतने की स्थिति में हैं या नहीं, या फिर किसी नए नेता की तलाश करनी है या कांग्रेस से दल बदलकर किसी को बसपा में भेजना है। इसके लिए भी एक टीम स्टडी करेगी और बसपा को दी जाने वाली सीटों का सर्वे किया जाएगा।
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