भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का ढर्रा मप्र राज्य परिवहन निगम जैसा हो गया है। अब इसे बंद कर दिया जाना चाहिए। पिछले 4 महीने से 5 हजार डिग्रियां अटकीं हैं। उनका वितरण नहीं किया गया क्योंकि उनकी प्रिंटिंग नहीं हो पाई। विश्वविद्यालय के पास कम्प्यूटर है, प्रिंटर है परंतु पिछले 4 महीने से इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। सारी दुनिया जब वाईफाई हो गई, बीयू प्रबंधन घटिया बंदोबस्त के साथ चल रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने डिग्री प्रिंट कराने का काम आईटी सेल से वापस ले लिया है। वहीं, इसका पूरा सेटअप गोपनीय शाखा में शिफ्ट करा दिया गया है। लेकिन, यहां पर इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं मिलने के कारण प्रिंटिंग मशीन शुरू नहीं हो पा रही है। ऐसे में पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। छात्रों को डिग्री उपलब्ध कराने का काम परीक्षा शाखा के तहत है। लेकिन, वर्ष 2014 में डिग्री स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा हुई छापामार कार्रवाई के बाद यह काम आईटी सेल को सौंप दिया था।
अब इसे वापिस लिया गया है। व्यवस्था में किए गए इस बदलाव के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है। उधर, हर दिन डिग्री प्राप्त करने के लिए औसतन 100 नए आवेदन आते हैं। ऐसे में भी पेंडेंसी लगातार बढ़ती जा रही है।
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