भोपाल। कांग्रेस सांसद और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी-गुना सड़क लोकार्पण में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के इशारे पर सरकार एवं जिला प्रशासन द्वरा किए गए कृत्य के आधार पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने हेतु लोकसभा की अध्यक्षा महोदया को निवेदन किया।
सिंधिया ने लिखा कि कार्मिक प्रशासन विभाग के 1 दिसम्बर 2011 के प्रोटोकाल संबंधी परिपत्र एवं6 फरवरी -2014 को संसद में प्रस्तुत सांसद प्रोटोकाल रिपोर्ट का सीधा उल्लंघन मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन ने किया है जो स्पष्ट रूप से किसी भी सांसद के विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है। इसलिए इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता के अहंकार और मद में पूरी तरह से चूर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार किस तरह से लोकतंत्र और जनभावनाओं का गला घोंट रही है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण गुना में देखने को मिला है।
सिंधिया ने बताया कि तत्कालीन UPA सरकार के समय ग्वालियर से देवास तक के आगरा बॉम्बे रोड़ को 4-लेन में परिवर्तित करने की 3500 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई थी- 27 जून 2012 को तत्कालीन भूतल परिवहन राज्यमंत्री श्री जितिन प्रसाद एवं सांसद श्री सज्जन सिंह वर्मा की उपस्थिति में इसका भूमिपूजन सम्पन्न हुआ था।
किन्तु जब गत 23 जुलाई 2018 को गुना में मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में इस राष्ट्रीय राजमार्ग का शिलान्यास समारोह सम्पन्न हुआ तो क्षेत्र का निर्वाचित सांसद होने के बावजूद उन्हें इस कार्यक्रम से दूर रखा गया, आमंत्रण पत्र में नाम तक नही दिया दिया। जिस शिला पट्टिका में सिंधिया के नाम का उल्लेख था उस को तोड़ के फेंक दिया गया व नए शिला पट्टिका को रातोंरात तैयार कर लगाया गया।
शिवराज सरकार यहीं नहीं रुकी इस सरकार ने एक निर्वाचित विधायक को धक्के मार कर मंच से उतार दिया गया वह सब के सामने है। शिवराज सरकार और इनकी पूरी प्रशासनिक मशीनरी ने जिस तरह से प्रोटोकॉल को धता बताते हुए निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपमानित कर देवास-शिवपुरी राष्ट्रीय राजमार्ग का शिलान्यास किया है वो बेहद ही शर्मनाक है।
सिंधिया ने कहा कि उपरोक्त घटना में निर्धारित प्रोटोकॉल और नियमों का सीधा-सीधा उल्लंघन है। गुना-शिवपुरी की जनता का जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के नाते यह मेरे विशेष अधिकार का भी हनन है। इसलिए मैं शिवराज चौहान, राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव ला रहा हूँ।
सिंधिया ने मुख्यमंत्री जी से कहा कि, आप शिला पट्टिका से उनका नाम हटवा सकते हैं एक निर्वाचित विधायक को मंच से धक्के मारकर हटा सकते हैं, लेकिन जनता की दिलों से आप हमें और हमारे विकास कार्यों को कैसे निकालेंगे? शिवराज जी की घबराहट और कुर्सी छूटने का डर जनता जनार्दन को साफ दिखाई दे रहा है।
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