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शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई रामबाबू ने मुखाग्नि दी। शहीद को अंतिम विदाई देने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा समेत कई जनप्रतिनिधियों ने शहीद की अंतिम यात्रा में कंधा दिया। अंतिम संस्कार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी श्रृद्धांजलि अर्पित करने पहुुुंचे।
मुख्यमंत्री ने की एक करोड़ की सम्मान निधि और नौकरी देने की घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद के परिजन को 1 करोड़ रुपए की सम्मान निधि, दतिया शहर में एक फ्लैट, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, शहीद के नाम पर किसी एक सरकारी संस्था का नामकरण और गांव में शहीद के नाम पर पार्क और प्रतिमा की स्थापना करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रंजीत के पिता प्रताप सिंह, मां द्रोपदी, भाई हीरासिंह, रामबाबू और बहन नैना के सिर पर हाथ रखा ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि रंजीत ने देश के लिए बलिदान दिया है। पूरा प्रदेश आपके साथ खड़ा है। सीएम ने सैनिक रंजीत के पिता प्रताप सिंह से कहा कि मैं भी आपका बेटा हूं, हमेशा आपके साथ खड़ा रहूंगा।