
जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर बंटे राजनीतिक दल
बैठक में आम राय बनाकर इसकी जानकारी हाईकमान को दी जाएगी। सरकार का नेतृत्व पीडीपी करेगी या कांग्रेस, यह तो दोनों पार्टियों की राय के बाद ही तय होगा। राज्य विधानसभा में पीडीपी के 28 और कांग्रेस के 12 सदस्य हैं। कुल 87 सदस्यों की विधानसभा में जादू का आंकड़ा 44 है। अगर पीडीपी व कांग्रेस चार निर्दलीय का समर्थन हासिल कर लेती है तो सरकार बन सकती है। निर्दलीय विधायकों में पवन गुप्ता, मुहम्मद यूसुफ तारीगामी, हकीम मुहम्मद यासीन और इंजीनियर रशीद हैं। चारों ऐसे विधायक हैं जिन्होंने भाजपा को समर्थन नहीं किया। कांग्रेस के प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार बनाने को लेकर उनके पास कोई जानकारी नहीं है। तीन जुलाई को बैठक जरूर हो रही है जिसमें राज्य के हालात पर चर्चा होगी।
कांग्रेस-पीडीपी का गठबंधन
2002 में मुफ्ती मुहम्मद सईद (अब दिवंगत) के नेतृत्व में पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनी थी। तीन-तीन वर्ष का फॉर्मूला बनाया गया था। मुफ्ती मुहम्मद सईद ने बतौर मुख्यमंत्री तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा किया तो बाद में गुलाम नबी आजाद को मुख्यमंत्री बनाया गया। अमरनाथ भूमि मुद्दे पर पीडीपी ने आजाद से समर्थन वापस लेकर सरकार को गिरा दिया था।